यह अष्टांग योग का नौवां अंग माना जाता है जिसमें साधक यम नियम आसन प्राणायाम प्रत्याहार धारणा ध्यान समाधि में जब सिद्धि प्राप्त कर लेता है तब उसे संयम प्राप्त होता है योगी जब इन आंठो नियमों के द्वारा समाधि को प्राप्त कर लेता है तब उसे संयम प्राप्त होता है और इस संयम के द्वारा वह अनेकों प्रकार के उसे शक्तियां सिद्धियां प्राप्त होती है वह जिस चीज को प्राप्त करना चाहता है उसे आसानी से धारणा ध्यान और समाधि के द्वारा प्राप्त कर लेता है आगे आप जानेंगे कि संयम क्या है और संयम से क्या-क्या शक्तियां सिद्धियां प्राप्त किया जा सकता है।
संयम क्या है What is moderation
संयम जब व्यक्ति अपने शरीर, मन, बुद्धि, इंद्रियों, को अपने नियंत्रण में कर लेता है तब उसे संयम प्राप्त होता है संयम वह मानसिक स्थिति है जिसपर व्यक्ति अपना चित्त लगाता चित्त तुरंत लग जाता है उसका संपूर्ण शहरी काम में साथ देता है जिसमें व्यक्ति अपने इच्छा अनुसार किसी भी वस्तु को आसानी से प्राप्त करने कर लेता है संयम के आने से व्यक्ति का मन भटकना बंद हो जाता है मस्तिष्क में विचार आने पूरी तरह बंद हो जाते हैं व्यक्ति के इच्छा अनुसार उसके दिमाग में विचार आते हैं जिससे उसे मानसिक परम शांति मिलता है वह जिस काम को करता है उसे उस काम में सफलता जल्दी प्राप्त होती है संयम में व्यक्ति किसी भी काम को आसानी से करने की उसमें क्षमता आ जाती है और वह दुख सुख से ऊपर उठकर आनंद में अपना जीवन जीता है
यह संयम एक महान संत या महान देव ऋषि मुनियों में देखा जाता है इस स्थिति को प्राप्त करना सामान्य मनुष्य के वश में नहीं होता है यह जो व्यक्ति अपने शरीर मन बुद्धि इंद्रियों को वश में कर लेता है उनके ऊपर विजय प्राप्त कर लेता है उन्हीं लोगों को यह संयम प्राप्त होता है उन्हीं को आप संयमी बोल सकते हैं
संयम का अर्थ। Meaning of Restraint
मस्तिष्क की वह मानसिक स्थिति जिसमें मन अपनी मनमानी नहीं करता इंद्रियां भोगों की ओर नहीं भागती बुद्धि व्यक्ति के इच्छा अनुसार काम करती है व्यक्ति का संपूर्ण शरीर व्यक्ति के नियंत्रण में रहती है इस स्थिति को संयम कहते हैं
जिन साधकों या जिन पुरुष को यह संयम प्राप्त होता है संसार के किसी भी काम को करने की क्षमता उनके अंदर होती है वह जिस वस्तु का धारणा ध्यान समाधि लगाते हैं उसे उस वस्तु का ज्ञान तुरंत उन्हें मिल जाता है जब वे वायु से हल्की चीजों में धारणा ध्यान समाधि लगाते हैं तो उनमें उड़ने की शक्ति आ जाती है जब वह किसी शुष्म कण परमाणु में धारणा ध्यान समाधि लगाते हैं तो वह अपने शरीर को अंतधिक छोटा होने की शक्ति प्राप्त कर लेते हैं
संयम एक आध्यात्मिक मानसिक स्थिति है इसको प्राप्त करना कठिन होता है यह बड़े-बड़े ऋषि मुनि भगवान के पास यह संयम शक्ति होती है
संयम से शक्तियां प्राप्त करना -gaining power through restraint
जब साधक धारणा ध्यान समाधि करने में सफल हो जाता है उसमें संयम प्राप्त कर लेता है तब वह जिस वस्तु का धारणा ध्यान समाधि लगता है तो उसे उसे वस्तु का ज्ञान शक्ति उसे मिल जाती है
1. तारों में धारणा ध्यान समाधि लगाने से तारों का ज्ञान प्राप्त होता है तारों का निर्माण उत्पत्ति कैसे हुआ है इसका उसे ज्ञान प्राप्त होता है
2. किसी दूसरे के मन पर धारणा ध्यान समाधि लगाने से उस व्यक्ति के मन में क्या चल रहा है इसका ज्ञान उसे प्राप्त होता है
3. पृथ्वी तत्व पर धारणा ध्यान समाधि लगाने पर पृथ्वी की उत्पत्ति कैसे हुई है और यह कैसे नष्ट होगा इसका ज्ञान साधक को प्राप्त होता है
4. आकाश में और हल्की चीजों पर धारणा ध्यान समाधि लगाने से साधक में उड़ने की शक्ति उसके अंदर आती है वह अपने शरीर को हवा के भांति हल्का कर लेता है
5. शरीर के चक्रों पर धारणा ध्यान समाधि लगाने से शरीर के सातों चक्र जागृत हो जाते हैं और उसे अनेकों प्रकार के शक्तियां सिद्धियां प्राप्त होती है
6. जल, पृथ्वी, अग्नि, आकाश, वायु, पर संयम करने से व्यक्ति को अष्ट सिद्धि की प्राप्ति होती है जिसमें उड़ना, गायब होना, छोटा होना, जैसे आठ प्रकार की शक्तियां साधक को प्राप्त होती है
आज आपने जाना कि संयम को प्राप्त करने के बाद साधक को कैसे-कैसे सिद्धियां शक्तियां प्राप्त होती हैं योग एक अध्यात्मिक विषय है जो व्यक्ति अध्यात्म के मार्ग में अपना जीवन योग में जीता है और योगी की उच्च अवस्था को प्राप्त करता है तो उन लोगों को यह शक्तियां सिद्धियां प्राप्त होती हैं और वे संयम को प्राप्त करके किसी भी वस्तु भूत भविष्य का ज्ञान प्राप्त कर लेते हैं
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