धारणा अष्टांग योग का छठा अंग चरण है जिसमें महर्षि पतंजलि ने  साधक को यम नियम आसन प्राणायाम प्रत्याहार में शरीर के समस्त इंद्रियों के भोग इच्छाओं और कामनाओं को स्थिर कर दिया था अब इस धारणा में उसके बाद क्या करना है यह बताया गया है आगे आप जानेंगे की धारणा क्या है इसका अर्थ और इसे कैसे किया जाता है इसकी साधना कैसे की जाती है


धारणा क्या है 

धारणा अष्टांग योग का छठा अंग चरण है इसे अतरंग साधना में आता हैं इसमें शरीर के अंदर की क्रिया की जाती है यम नियम आसन प्राणायाम प्रत्याहार यह पांच अंग बाहरी साधना में समस्त इच्छाओं कामनाओं और भोगों को नष्ट कर देता है और योगी को योग में स्थिर कर देता है इसके बाद धारणा ध्यान समाधि ध्यान की अंतरंग साधना करना होता हैं इसमें साधक आसन मुद्रा में बैठकर अपने शरीर के भीतर की क्रिया करता है


धारणा का अर्थ 


धारणा का अर्थ होता है जी काम को आप चाहते हैं उसे धारण करें जिस वस्तु का आप ध्यान करना चाहते हैं उस वास्तु को धारण करें उस पर चित्त को लगाना धारणा है।


बाहरी साधना के द्वारा समस्त इंद्रियों का कामानाओ का नष्ट होने के बाद धारणा में साधक अपने शरीर के किसी एक स्थान हृदय या अपने चक्र या परमात्मा पर चित्त को लगाता है यह प्रक्रिया धारणा कहलाती है

इसमें केवल साधक को अपने चित्त को किसी एक स्थान या वस्तु ईश्वर या शरीर के भीतर किसी वस्तु पर चित्त को लगाना होता है इस लगाने की प्रक्रिया को धारणा कहलाती हैं इसके बाद जिस चीज पर चित्त को लगाया जाता है उस पर चित्त को एकाग्रचित बनाए रखना ध्यान कहलाता है ध्यान क्या है इसके आगे आने वाले चैप्टर में करेंगे।


धारणा कैसे करे । धारणा करने की साधना

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धारणा की साधना लगाने के लिए आसन में बैठे और आसन प्राणायाम की प्रक्रिया करते हुए आसन और प्राणायाम को 2 घंटे में सिद्ध होने के बाद चित्त में विचार आने बंद हो जाएंगे आपका शरीर पूरी तरह शांत स्थिर हो जाएगा मन का भटकना बंद हो जाने के बाद अब आपसे आपका मन क्या करना है मन आपसे आज्ञा मांगेगा कि मुझे आगे क्या करना है बस आपको अपने मन को शरीर में भीतर बैठे परमात्मा पर चित्त लगाना धारणा में सिद्धियां प्राप्त होती हैं उस वस्तु पर चित्त को उस पर लगाना है यैसा करने पर धारणा की सिद्धि प्राप्त होती है अब आपने अपने चित्त को शरीर के किसी एक स्थान में लगा दिया है और इसके बाद उस वस्तु पर अपनी चित्त को एकाग्रचित बनाए रखना है यह प्रक्रिया ध्यान में आती है आगे पढ़ेंगे ध्यान कैसे लगाना है अगले चैप्टर में .