क्या आपके बच्चे या किसी प्रियजन को सूखा रोग की समस्या ने परेशान कर रखा है? सूखा रोग, जिसे आमतौर पर रिकेट्स या कुपोषण से जोड़ा जाता है, एक ऐसी स्थिति है जो शरीर को कमजोर कर देती है और हड्डियों को नुकसान पहुंचाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं
कि प्राचीन भारतीय परंपराओं में इसके लिए कुछ खास मंत्र और टोटके मौजूद हैं, जो न सिर्फ इस रोग से राहत दिला सकते हैं, बल्कि आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा भी ला सकते हैं? इस लेख में हम आपको सूखा रोग झाड़ने के प्रभावशाली मंत्र और आसान टोटकों के बारे में बताएंगे,
जिन्हें आप घर पर आजमा सकते हैं। साथ ही, यह भी जानेंगे कि ये उपाय कैसे काम करते हैं और इन्हें करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। तो आइए, इस रहस्यमयी और उपयोगी जानकारी को अंत तक पढ़ें और अपने परिवार को स्वस्थ रखने का यह अनोखा तरीका अपनाएं!
सूखा रोग झाड़ने का मंत्र, टोटके, विधि
सूखा रोग एक ऐसी बीमारी है जिसे ठीक करना मुश्किल होता है जब दवाइयां काम नहीं करते है तब हम मंत्रो टोटके की ओर बढ़ते हैं कि किसी प्रकार यह बीमारी दूर हो जाए इसलिए आज हम आपके लिए ऐसे सूखा रोग झाड़ने का मंत्र और टोटके लाए हैं बस आप विधि अनुसार करें और सूखा रोग ठीक करे।
1. ॐ नमो वीर वेताल
ॐ नमो वीर वेताल असराल नाहरसिंह। देव-पादा तुषादी तु पीलिया भेद नास्तु-नास्तु। पीलिया नास्तु।
विधि:
मन्त्र (2) व (3) की विधि एक ही है। यथा--एक कटोरे में सरसों का तेल लेकर रोगी के मष्तक के ऊपर रखे। उक्त मन्त्र पढ़ते हुए दूब से तेल को चलाये और मन्त्र पढ़ता जाये। तेल पीला हो जाने पर कटोरे को मस्तक से नीच उतार ले। ऐसा दो-तीन दिन करे, सुखा रोग दूर हो जायेगा।
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2. ॐ नमो आदेश गुरु
ॐ नमो आदेश गुरू को। रामचन्द्र सिह साधा, लक्ष्मण साधा बाण। काला पीला राता, नीला थोथा पीला-पीला- पीला चारों झड़। जो रामचन्द्र जी थाँ के नाम। मेरी भक्ति, गुरू की शक्ति। फुरो मन्त्र, ईश्वरो वाचा।
विधि:
पहले मन्त्र को शाबर-विधि से सिद्ध करे। बाद में पीतल को कटोरी में पानी भरकर सुई से 7 दिन तक झारे। प्रतिदिन 21 बार अथवा 27 बार मंत्र का पाठ करे
3. ॐ नमो वीर वेताल असुराल
ॐ नमो वीर वेताल असुराल नाहरसिंह देव जी। खादी (स्वादी) तुखादी (तुषादि-तुपादि) सुभाल तुभाल। पीलिया को काढ़े, झारे पीलिया। रहे न नेक निशान, जो रह जाय तो हनुमान की आन। शब्द साँचा, पिण्ड काँचा। स्फुरो मन्त्र ईश्वरो दाचा।
विधि:
पहले शाबर-विधि से मन्त्र सिद्ध करे। फिर एक कांस्य पात्र में रसों का तेल रखकर उसको यथा-मति अभि मन्त्रित करे। इस अभि मन्त्रित तेल को रोगी के मस्तक के ऊपर या कपाल के ऊपर मले। ऐसा 17 दिनों तक करे। पीलिया का कष्ट कम हो जायेगा। रोगी धीरे-धीरे स्वस्थ हो जायेगा।
4. ॐ नमो वीर वेताल असराल
ॐ नमो वीर वैताल असराल नारसिंह देव। खादी तुषादी सुभाल तुभाल पीलिया। भेद तो काटे झारै, पीलिया रहे न नेक निशान। जो रह जाय, तो यति हनुमन्त की आन। शब्द साँचा, पिण्ड काँचा। फुरो मन्त्र, ईश्वरो वाचा।
विधि:
किसी बच्चे को यदि सूखा रोग हुआ है--ऐसा लगे तो साधक मकोय के पत्ते अपने मुँह में चबाकर रोगी बच्चे की पीठ के ऊपर पहना ये हुए वस्त्र को हटाकर पीठ के ऊपर थूक दे और अपने हाथ से मसल दे। थोड़ी देर के बाद रोगी बच्चे की पीठ में भूरे रज्ग के छोटे-छोटे कीड़े देखने में आते हैं, उन्हें निकाल दे। यह प्रयोग रवि और मंगलवार को करे।
सूखा रोग के टोटके
1. यह यन्त्र को लाल चन्दन से लिखकर घोलकर रोगी को पिलाने से सूखा रोग दूर होता है।
2. साँँडे के तेल में बाजरा का आटा मिलाकर उसकी छोटी-छोटी गोली बना ले। इन गोलियों में से केवल एक दिन ही 3 बार सुबह-शाम-दोपहर ही 1-1 गोली दूध के साथ बच्चे को दे। गोलियों को एक ही दिन सेवन कराना होता है।
इसके साथ ही भूमि गोदा (राज गोदा काटे वाला) पौधे को जड़ सहित उखाड़ कर नहाने के गरम पानी वाले बर्तन में उसे छोड़ दे, उस पानी से लगातार 5 दिन तक नह लावे। उस बर्तन का पानी पूरा खत्म होने दे, थोड़ा शेष रहने पर और दूसरे दिन के लिए पानी डाल दे। उस बर्तन में पानी और गोदा लगातार 5 दिन तक रहने देना चाहिये।
इस तरह 5 दिन तक उस पानी से नहलाता रहे तो बच्चे का सूखा रोग जाता रहता हैं।