पीलिया एक ऐसी बीमारी है जिसे हो जाने पर व्यक्ति का जीवन बच पाना मुश्किल हो जाता है लेकिन इसे सही समय पर दवा कर लेने पर इसे ठीक किया जा सकता है लेकिन जब डॉक्टर भी जवाब दे दे तब हमें केवल हमारे हिंदू धर्म ग्रंथ के मत्रों का सहारा बचता है जिसके द्वारा पीलिया जैसे खतरनाक बीमारी को ठीक करने की प्राचीन काल से पीलिया रोग जैसे खतरनाक बीमारी को ठीक करने की विधि चलती आ रही है आज आप यही जानेंगे कि कौन से मंत्र से पीलिया को ठीक किया जाता है और आप कैसे मंत्र से पीलिया को ठीक कर सकते हैं
ध्यान रहे पीलिया को ठीक करने के लिए आपको पहले मंत्र को सिद्ध करना होगा उसके बाद ही आप इसका उपयोग कर सकते हैं और किसी के भी शरीर से पीलिया जैसे खतरनाक बीमारी को ठीक कर सकते हैं पीलिया को ठीक करने का यह तरीका बरसों से चला आ रहा है और आज भी चलता है और चलता रहेगा इसीलिए आज आप यही जानेंगे कि वह कौन सा मंत्र है जिसके द्वारा पीलिया जैसे खतरनाक बीमारी को ठीक किया जाता है और आप कैसे पीलिया जैसे रोगों को ठीक कर सकते हैं।
पीलिया दूर करने का 4 प्राचीन मंत्र
पीलिया जैसी खतरनाक बीमारी को ठीक करने के लिए हमारे हिंदू धर्म ग्रंथ में अनेकों को प्राचीन मंत्र बताए गए हैं जिसके द्वारा पीलिया जैसी बीमारी को ठीक किया जाता है इस आर्टिकल में यही बताया गया है कि कैसे मंत्र को किसी के भी शरीर से पलिया को ठीक करना है कैसे व्यक्ति के शरीर से पीलिया को झाड़ना है वह तरीका क्या है और मंत्र क्या है सब कुछ आपको नीचे बताया जा रहा है जिसके द्वारा आप आसानी पीलिया से पीड़ित व्यक्ति के शरीर रोग दूर कर सकते है।
पीलिया दूर करने का मंत्र
मंत्र है : ॐ नमो वीर बैताल असराल, नारसिंह देव तुषादि पीलिया कूं मिटाती।कारै झारे पीलिया रहे न नेक निशान। जो कहीं रह जाय तो हनुमंत की आन मेरी भक्ति, गुरु की शक्ति, फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा।
इस मन्त्र को हनुमान जी की प्रतिमा के सामने धूप-दीप जलाकर इक्कीस दिनों तक एक हजार मन्त्र प्रतिदिन जप करके सिद्ध कर लें। फिर प्रयोग करते समय पीलिया के रोगी को सामने बैठाकर कांसे की कटोरी में तेल भरकर रोगी के सिर पर रखें और हाथ में कुशा लेकर उससे तेल को हिलाते हुए इकतीस बार मन्त्रोच्चारण करें। जब तेल पीला हो जाय तो कटोरी को रोगी के सिर से नीचे उतार लें। तीन दिन तक यह प्रयोग करने से पीलिया रोग नष्ट हो जाता है। रोग ठीक हो जाने पर रोगी। से हनुमानजी को प्रसाद चढ़वायें और गायों को घास व पक्षियों को अनाज डलवायें।
पीलिया व सुखड़ा रोग-निवारक मंत्र
एक कांसे के चिकने पेंदेदार कटोरे में अच्छा सरसों का तेल लेकर रोगी के मस्तक पर चन्दन के लेप की तरह सात बार मन्त्र का उच्चारण करते हुए मले।
मन्त्र है :ॐ नमो वीर बैताल असुराल नाहर सिंह देव जी। स्वादी तुरवादी सुभाल सुभाल, पीलिया को काटे, झारे पीलिया रहे न नेक निशान जो रह जाये तो हनुमान की आन।
बच्चों को सूखा रोग हो जाने पर मंगलवार व रविवार के दिन मकोय के पत्तों को अच्छी तरह चबाकर रोगी की पीठ पर थुक कर मलने से कुछ समय पश्चात् रोगी की पीठ से रोयेंदार व भूरे रंग के छोटे-छोटे कीड़े निकलने लगते हैं। इस प्रकार चार-पाँच रविवार या मंगलवार को करने से बच्चा स्वस्थ हो जाता है।
पीलिया झाड़ने का मंत्र
मंत्र है : ॐ नमो वीर बैताल विकराल नरसिंह देव, खादी पिमिया कूं मिदाती कारे भार पीलिया रह न नेक निशान। जो कही रह जायें तो गुरु गोरखनाथ की आन मेरी भक्ति गुरु की शक्ति फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा।
एक कटोरे में तेल लेकर रोगी के मस्तक के ऊपर रखें और फिर उपरोक्त मन्त्र को पढ़ते हुए तेल को चलाते जाएं। जब वह तेल एकदम पीला हो जाए, तब उसे उतार लें। इस प्रकार तीन दिन तक करने से पीलिया पूरी तरह खत्म हो जाएगा।
पीलिया-नाशक मंत्र
यदि किसी व्यक्ति को पीलिया हो गया हो तथा औषधि से भी उपचार संभव न हो तो इस मन्त्र का प्रयोग करें-
मंत्र है : ॐ नमो वीर बेताल कराल नरसिंह देव नार कहे तू देव खादी तू बदी, पीलिया कूं बिदाती कारे झारे पीलिया रहे ना एक निशान जो कहिं रह जाय तो हनुमन्त जती की आन मेरी भक्ति, गुरु की शक्ति फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा।
पीलिया से पीड़ित व्यक्ति के सिर पर एक कांसे की कटोरी रखें तथा कटोरी में तिल का तेल डालें। अब कुशा से उस तेल को चलाते हुए इस मन्त्र का सात बार उच्चारण करने से पीलिया रोग दूर हो जाता है।