दांत दर्द का मंत्र: दांत दर्द की असहनीय पीड़ा से परेशान हैं? क्या हर बार दवा लेने के बावजूद राहत नहीं मिलती? तो अब वक्त है प्राचीन ज्ञान की शरण लेने का! हमारे पूर्वजों ने सदियों पहले कुछ ऐसे शक्तिशाली मंत्रों का आविष्कार किया था, जो न सिर्फ दांत दर्द को तुरंत शांत करते हैं, बल्कि उसे जड़ से खत्म करने का दम रखते हैं। इस आर्टिकल में हम आपके लिए लाए हैं
10 प्राचीन मंत्र, जिनके रहस्य और प्रभाव को जानकर आप हैरान रह जाएंगे। ये प्राकृतिक उपाय बिना किसी साइड इफेक्ट के आपको दर्द से मुक्ति दिला सकते हैं। तो आइए, इन चमत्कारी मंत्रों की दुनिया में कदम रखें और दांत दर्द को हमेशा के लिए अलविदा कहें!"
दांत दर्द की समस्या को यह 10 प्राचीन मंत्र दर्द को जड़ से खत्म करता है
1. दांत दर्द दूर करने का मंत्र
आग बांधो, पाग बांधो। ऊपर-नीचे दाढ़ बांधो। अगिया-बेताल बांधो, सो खाल विकराल बांधो। सो लोहा-लोहार बांधों। बच्र अस होबे, बच्र फन दांत पिराय, तो महादेव पार्वती की आन।
विधि:
थोड़े से नमक में सरसों का तेल मिलाकर उक्त मन्त्र को 11 बार पढ़े, फिर उक्त रोगी को दाँत में लगाने को दे। ऐसा 3 दिन तक करे। दाँत के दर्द से सदा के लिए छुटकारा मिल जायेगा।
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2. दांत दर्द का मंत्र
हम इक सर, तुम हो बतीस। हमरी तुम्हरी कौन-सी रीस।। हम कमाय, तुम बैठे खावो। मरती बिरीया, सड़्रहि जावो।
विधि:
उक्त मंत्र को शाबर की विधि से सिद्ध करे। बाद में दाँत में दर्द होता हो तो मुँह धोने के समय सात बार मन्त्र पढ़कर कुल्ला करे। इससे दन्त-पीड़ा दूर हो जायेगी।
3. दन्त पीड़ा-निवारक मंत्र
आग बाँधौं, अगिया बैताल बाँधौं, सौ जाल विकराल बाँधौं, लोहा लोहा बाँधों बजर अस लोप बजर घन दाँत पिराय तो महादेव की आन।
विधि:
किसी भी रवि या मद्गलवार के दिन यह प्रयोग आरम्भ करें। मन्त्र पढ़ते हुए रोगी के चेहरे पर दाँतों पर नीम की लकड़ी से झारा दें। प्रतिदिन 21 बार झाड़ें। सात दिनों में दंत पीड़ा दूर हो जाता है
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4. दन्त पीड़ा - निवारक अनुमान मंत्र
ॐ नमो आदेश। गुरु जी का।। बन में ब्याई अंजनी। जिन जाया हनुमन्त।। कीड़ा मकुड़ा माकड़ा। ये तीनों भस्मन्त।। गुरु की शक्ति। मेरी भक्ति।। फुरे मन्त्र। ईश्वरो वाचा।।
विधि:
इस मंत्र का ग्रहण के समय 11 माला जप हनुमान जी विषयक सभी नियमों का पालन करते हुए करें तो यह मंत्र सिद्ध होगा। फिर आवश्यकता के समय नीम की डाली लेकर दर्द वाले स्थान पर छुआते हुए मन्त्र जपते हुए 21 बार झाड़ा करें तो उस व्यक्ति का दाँत / दाढ़ का दर्द कुछ ही क्षणों में दूर हो जायेगा तथा वह व्यक्ति सुख का अनुभव करेगा। तदनन्तर रोगी व्यक्ति से पीला प्रसाद बटवा दें।
5. दांत पीड़ा नाशक मंत्र
हे दंत! तुम क्यों कुलता हमें तुमें संजाइना हमरा कसर तुम हो बत्तीस हमरी-तुमरी कौन-सी रीति हम कमायं॑ तुम बैठे खाओ मृत्यु की बिटियां संग ही जाओ।
विधि:
प्रात:काल सूर्योदय से पहले उठकर नित्य-क्रिया से निवृत्त होने के पश्चात् जब मुँह धोने जाया जाता है, तब उपरोक्त मन्त्र का दाँत साफ करते वक्त 21 बार जप किया जाता है। उसके बाद जल लेकर उपरोक्त मन्त्र से ही 11 बार पढ़कर उसे अभि मन्त्रित किया जाता है और तब उस जल से कुल्ला करने के पश्चात् दाँत का दर्द समाप्त हो जाता है। हिलते हुए दाँत बैठ जाते हैं। यदि पहले दिन आराम न हो तब इस क्रिया को 11 दिन तक लगातार करते रहना चाहिए। निश्चित लाभ होगा।
6. दांत दर्दनाशक मंत्र
काहे तुम हम अंत रिसियाये. हो लावै काल बत्ती में हम सवार तुम संग तो हम बैठे ही अकेला। जोला॥ खाव । जाय।॥
विधि:
तीन बार यह मन्त्र बोलकर झाड़ें तो दाँतदर्द की निवृत्ति होती है।
7. दांत पीड़ा- नाशक मंत्र
ॐ नमो आदेश गुरु को वन में ब्याई अंजनी, जिन जाया हनुमन्त कीड़ा- मकूड़ा- माकड़ा ये तीनों करे भस्मन्त गोरख की शक्ति मेरी भक्ति फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा।
विधि:
दीपावली अथवा होली की रात्रि अथवा ग्रहणकाल में 2007 बार मन्त्रोच्चार से आहुति देने पर मन्त्र सिद्ध हो जाता हैं। प्रयोगों में 31 बार मन्त्र जप करते हुए नीम की टहनी से झाड़ें।
8. दांत पीड़ा-निवारक हनुमान मंत्र
ॐ राई-राई। तू मेरी माँई।। धरती नी धूलि। मसानी छाई।। सान खवाई। सो हनुवन्त।। की ठुहाई। मारा गुरुत। जपत जलत बाई। हालि मन्त्र गुरु खवबाई।। मेरी भक्ति। गुरु की शक्ति।। फुरे मन्त्र। ईश्वरो वाचा।।
विधि:
इस मंत्र की साधना 21 दिन की है। श्री हनुमान जी विषयक समस्त नियमों का पालन करते हुए प्रतिदिन १ माला का जप करने से यह मन्त्र सिद्ध होता है। फिर जब दाँत के दर्द वाला कोई व्यक्ति आये तो इस मन्त्र को जपते हुए 21 बार झाड़ा करने से शीघ्र ही दाँत दर्द से पीड़ित व्यक्ति आराम पाता है।
9 . दांत की व्यथा झारने का मंत्र
अग्नि बांधो, अग्नीश्वर बांधो। सौ लाल पिवाराल बांधो, सो लोहा-लोहार बांधो। वच्र के निहाय, वद्र-वन दांत विहाय, तो महादेव की आन।
विधि:
शाबर की विधि से मंत्र को सिद्ध करे। बाद में 7 बार मन्त्र का जपकर दुखते हुए दाँतों को फूँके तो दन्त व्यथा दूर होती है। यदि नारा उखड़ा हो तो हाथ की तर्जनी अँगुली से झाड़ना चाहिये।
10. दांत दर्द पीड़ा झारने का मंत्र
ॐ नमो आदेश गुरू को। बन में ब्याई अज्ञनी जिन जाया हनुमन्त। कीड़ा- मकड़ा-माकड़ा--ये तीनों भस्मन्त। गुरु की शक्ति, मेरी भक्ति। फुरो मन्त्र, ईश्वरो वाचा।
विधि:
21000 जप करने से उक्त मन्त्र सिद्ध होता है। शाबर की विधि से सिद्ध करके प्रयोग करना चाहिये। दन्त-पीड़ा वाले व्यक्ति को ३ या 7 बार मन्त्र जप कर नीम की डाली से झाड़े। पीड़ा दूर हो जायेगी। कभी-कभी झाड़ने से पीड़ा दूर नहीं होती, तब कटाई के बीजों का धुआँ दाँतों में दे और थोड़ी देर के बाद दर्दी से थूकने को कहे। थूक में यदि कीड़े दिखाई दें तो समझे कि दर्द की समाप्ति हो गयी है। अन्यथा दर्द की समाप्ति तक यह क्रिया करे। कटाई के बीज देशी दवा बेचने वाली दुकान से प्राप्त करे। धुआँ देने का कार्य व्यवस्थित और उचित ढबन्ज से करे। आँखें बन्द रखकर ही धुआँ लेना चाहिये।