सिर दर्द एक आम समस्या है जो किसी भी समय किसी को भी परेशान कर सकती है। आधुनिक चिकित्सा के साथ-साथ प्राचीन भारतीय मंत्र विद्या भी इस समस्या के समाधान में प्रभावी सिद्ध हुई है।
इस लेख में हम आपको कुछ शक्तिशाली मंत्र और उनकी सिद्धि विधि बताएंगे, जिनके प्रयोग से आप सिर दर्द से तुरंत राहत पा सकते हैं। ये मंत्र आसान, प्रभावी और प्राचीन गुरुओं द्वारा प्रमाणित हैं।
सिरदर्द दूर करने का मंत्र : सिर दर्द दूर करने का प्राचीन प्रभावी मंत्र
1. सिर दर्द दूर करने का मंत्र
मंत्र :
ॐ जः हुं सः।
इस मन्त्र के जप से सिरदर्द समाप्त हो जाता है।
मंत्र:
ॐ वैष्णवे हुं स्वाहा।
इस मन्त्र के जप से सिरदर्द समाप्त हो जाता है।
मंत्र:
ॐ क्षं क्षूं शिरोवेदना नाशय नाशय स्वाहा।
इस मंत्र को मात्र 21 बार जपने से सिरदर्द ठीक हो जाता है।
सिर दर्द दूर करने का 7 प्राचीन मंत्र
2. सिरदर्द निवारक गुरु मंत्र
ॐ नमो आदेश गुरु का, केश में कपाल, कपाल में भेजा, भेजा में कीडा, कीड़ा करे न पीड़ा, कंचन की छेनी, रूपे का हथौड़ा, पिता ईश्वर गाड़ इन श्रापे को, गोरखनाथ तोड़े, शब्द सांचा पिण्ड कांचा, फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा।
3. सिर पीड़ा झारने का मंत्र
साहस्त्र घर घाले एक घर खाय, आगे चले तो पीछे जाय, मन्त्र कांचा ना फुरो वाचा।
4. सिरदर्द दूर करने का गोरखनाथ मंत्र
मंत्र:
ॐ केश भेजा कंचन पिता को नमो आदेश में कपाल में कीड़ा की ईश्वर हैनी कपाल न रूपे माड़ गोरखनाथ गुरु में करे का ड्न का। भेजा। पोड़ा। हथौड़ा। श्रापे। तोड़े। शब्द सांचा पिण्ड कांचा फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा।
सिद्धि विधि:
शुभ योग वाले रविवार, मंगलवार या अमावस्या से शुरू करें। 31 दिनों तक प्रतिदिन 108 बार जाप करें। लोबान की धूप से 51 बार आहुति दें। प्रयोग में 51 बार मंत्र जपें और सिर पर 7 बार फूंक मारें।
लाभ:
यह मंत्र सिरदर्द को जड़ से खत्म करता है और मस्तिष्क को शांति प्रदान करता है।
5. हनुमान शक्ति से सिरदर्द दूर करने का मंत्र
मंत्र:
हिलावे हनुमनत। सो देखि के, राक्षस-गण पराय दूरन्त। बेठी सीता देवी, अशोक-वन में। देखि हनुमान को, आनन्द भई मन में। गई उर विषाद, देवी स्थिर दरशाय। 'अमुक' के सिर, व्यथा पराय। 'अमुक' के नहीं, कछू पीर, नहिं कछु भार। आदेश कामाख्या हरि दासी चण्डी की दुहाई।
प्रयोग विधि:
रोगी को दक्षिण दिशा की ओर मुख करके बैठाएं। उसके सिर को हाथ से पकड़ें और मंत्र का जाप करें।' अमुक' के स्थान पर रोगी का नाम लें। जाप के बाद सिर पर हल्के से फूंक मारें।
लाभ:
हनुमान जी की शक्ति से यह मंत्र सिरदर्द के साथ-साथ मानसिक अशांति को भी दूर करता है। और जड़ से सिर दर्द को समाप्त कर देता है।