बुखार उतारने का मंत्र: बुखार (Fever) एक आम समस्या है जो मौसम बदलने, अचानक सर्दी और गर्मी के आने से और , संक्रमण के कारण होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि प्राचीन भारतीय मंत्रों में भी बुखार को ठीक करने की शक्ति छिपी है? यह लेख आपको ऐसे ही चमत्कारी मंत्रों से परिचित कराएगा, 

जिन्हें आजमाकर आप न सिर्फ बुखार से राहत पा सकते हैं, बल्कि अपने मन और शरीर को भी संतुलित कर सकते हैं। इन मंत्रों के साथ-साथ उनके प्रयोग की आसान विधि भी जानें, जो आपको तुरंत असर दिखाएगी। तो चलिए बुखार को मंत्र द्वारा जड़ से खत्म करने का उपाय जानते हैं!


1. बुखार उतारने महादेव मंत्र


ॐ नमो अजयपाल की दुहाई जो ज्वर रहे अमुक पिण्डे तो महादेव की दुहाई फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा।

विधि: 

बुखार से पीड़ित व्यक्ति को उक्त मंत्र से सात बार झाड़ा देने से ज्वर मिट जाता हैं

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2. एकान्तर बुखार विनाशक मंत्र


 बज़हस्तो महाकायो ताडितो वजच्रदण्डेन बज्रपाणिमहेश्वर: । भूम्यां गच्छ महाज्वर ॥ 

विधि:

पान के बीड़ को 108 बार उपर्युक्त मंत्र से अभि मन्त्रित करें और रोगी को खिला दें। उसी दिन रोगी बुखार-मुक्त हो जायेगा।


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3. एकांतर बुखार उतारने का मंत्र 


बाणबुद्धे महाघोरे द्वादशार्कसमप्रभे | जातोऽसौ सुमहावीयों मुझ्जत्वैकाहिको ज्वरः ॥

 विधि:

पीपल के पत्ते पर इस मंत्र को लिखकर धारण करें। इससे एकान्तक बुखार अच्छा हो जाता हे।


4. तिजारी बुखार - विनाशक मंत्र


ॐ नमो महा उच्छिष्ट योगिनी प्रकीर्ण दंट्टा खादति थर्वीति नश्यति भक्ष्यति ॐ ठ: ठ; ठ; ठ:॥ 

विधि:

अपामार्ग के पुष्प को तीन बार उपर्युक्त मंत्र से अभि मन्त्रित करके दक्षिण बाहु पर बाँधें तो तिजारी ज्वर शान्त होता हैं। यह प्रयोग मंगल अथवा रविवार को किया जाता है। 


5. बुखार उतारने मंत्र


काली कुतिया सात पिल् ला बिआई, सातो दूध पिलाई जिलाये वाय थनई लाका सचलाये तिनोके मन्त्रन से चोथिया जाये।

विधि:

दाँयें हाथ के माध्यम से आंचलों द्वारा 21 बार मन्त्र का उच्चारण करते हुए झाड़ना चाहिए। 3 दिन झाड़ने से बुखार में लाभ होता हैं। झाड़ा केवल मंगलवार और शनिवार को ही करना चाहिए।


6.  कामाख्या मंत्र


ॐ नमः कामरू देश का कामाख्या देवी जहां बरै इस्मायल योगी, इस्मायल जोगी के तीन बेटी एक ताड़े एक पिछौड़े एक शीत तिजारी गोड़े।

विधि:

बुखार पीड़ित रोगी को खड़ा कर लें। जहाँ से अधिक सर्दी लग रही हो, वहीं से उपर्युक्त मन्त्र का उच्चारण करते हुए 21 बार झाड़ना चाहिए। लाभ होगा।


7.  कृष्ण मंत्र


श्री कृष्ण बलभद्रश्व प्रद्यम्म अनिरुद्ध च। उषा स्मरण मात्रेण ज्वरव्याधि विमुच्यते ।

विधि:

इस मंत्र को सादे सफेद कागज पर लिखकर धूप-दीप दिखाकर गले में धारण करने से ज्वर नष्ट हो जाता है। इस मन्त्र का जप करते रहने से भी बुखार दूर हो जाता है


8. तिजारा बुखार नाशक मंत्र


कारी कुकरी सात पिल्ला ब्याई सातों दूध पिआई जिआई बाघ थन इलोकांश्वलाय के मन्त्र तीनों जारी। 

विधि:

रोग पर नजर जमाये हुए इस मन्त्र का उच्चारण करते हुए इक्कीस बार बोलते हुवे, फूँक मारने से तीसरे दिन आने वाला बुखार नष्ट हो जाता है।


9. एकतरा बुखार उतारने का मंत्र


ॐ नमो भगवते रुद्राय शूलपाणये। पिशाचाधिपतये आवेशय कृष्ण पिंगल फट स्वाहा।

विधि:

इस मंत्र को सादे कागज पर कच्चे कोयले से लिखकर ताबीज बनाकर बाँयीं भुजा में धारण करने से प्रतिदिन आने वाला एकतरा बुखार मिट जाता है।


10. तिजारा बुखार नाशक मंत्र


ॐ नमो कामरूप देश कामाख्या देवी जहाँ बसे इस्माईल जोगी इस्माईल जोगी के तीन पुत्री एक तोड़े एक पिछोड़े एक तिजोरी तोड़े। 

विधि:

जिस व्यक्ति को तिजारी ज्वर आता हो, उसे अपने सामने खड़ा करके उसके शरीर के उस भाग को अपने हाथ से पकड़े जहाँ शीत लगती हो। फिर इस मन्त्र से इक्कीस बार झाड़ने से तिजारी बुखार नष्ट हो जाता हैं

11. बुखार झाड़ा लगाना मंत्र


ॐ हीं हां रीं रां विष्णु -शक्तये नम:। ॐ नमो भगवती विष्णुशक्तिमेनां ॐ हर हर, नय नय, पच पच, मथ मथ, उत्सादय, दूरे कुरु स्वाहा! हिमवन्तं गच्छ जीव, सः सः सः चन्द्रमण्डलं गतोऽसि स्वाहा ! 

विधि:

उपर्युक्त मंत्र को ग्रहण अथवा होली पर सिद्ध कर लें। इसके बाद इस मंत्र को पढ़कर बुखार से ग्रस्त रोगी को झाड़ा लगावें।


12.  महादेव अन्या देवी मंत्र


 सहि अकारणी पाहुआ धालिरे जपं जारे जरांल॑कि लीजड हणुआ नोउ हस्सं करयी अगन्या श्री महादेव भराडायी अन्या देव गुरुयी अगन्या जारें लोकि।

 

विधि:

ताजे कते सूत में 10 गांठ लगावें, 110 बार मंत्र पढ़ें फिर उस सूत को गले में या भुजा पर बांधें तो दिनानतर बुखार, एकांतर बुखार, धावान्तर बुखार।  बुखार नष्ट हो जाता है। इसी प्रकार गुग्गुल जलाने से भी बुखार का नाश होता है।


13. बुखार उतारने का कजलिनी मंत्र

ॐ चढ़ कजालिनी शेषान, ज्वर बंध सड़लं॑ बंधवेला ज्वर बंध विषम ज्वरबंधवेला महा ज्वर बंध ठ: ठः स्वाहा।


विधि:

इस मंत्र से कुसुंभी रंग के डोरे से मंत्र 21 बार पढ़ते हुए 7 गांठ लगावें फिर' गले में या हाथ में बांधें तो सभी प्रकार के ज्वरों का नाश हो जाता है।


14. बुखार, मियादी, विषम ज्वर उतारने का मंत्र


याह फीजन, याह फीजन, याह फीजन। 

विधि:

नीम के ढाई पत्ते लेकर उस पर ऊपर लिखा मंत्र सात बार पढकर ओर फूँककर उन ढाई पत्तों को मसल व कुचलकर खाने के बँगला या कपूरी पान में रखकर रोगी को ज्वर आने के रोज नियत समय से आधा या एक घण्टा पूर्व बताये गये पान को खिला दे। यदि जीर्ण बुखार का रोगी हो तो मंत्र पढ़ना चाहिये। इस तरह इस मन्त्र का 24 घण्टे में ज्वर पर प्रभाव पड़ता है। इसके खिलाने से ज्वर क्रमश: घटता जाता हैं ओर अन्त में उतर जाता है एवं रोगी को आराम हो जाता हैं।


15. बुखार दूर करने का भैरव मंत्र


1. ॐ भैरव भूतनाये विकरालकाये अग्निवर्णाधाये सर्व ज्वर बन्ध मोघय त्र्यम्बकेति हुं।


2.  श्रीकृष्फ: बलभद्रश्च, प्रद्यम्म अनिरुद्धकः ।तस्य स्मरणमात्रेण ज्वरों याति दशो दिशः ॥

विधि: 

 रविवार या मंगलवार के दिन प्रात: उठकर स्नान करें, फिर 'सह देवी” पौधे के पास जाकर उसकी जड़ खोद लायें, बीच में किसी से बोले नहीं। घर आकर उस जड़ को मन्त्र पढ़ते हुए धोयें, फिर तीन बार मन्त्र पढ़कर उस पर फूँक मारें। इस प्रकार मन्त्र सिद्ध की गयी वह सह देवी की जड़ रोगी की दाहिनी भुजा पर मन्त्र पढ़ते हुए ही किसी कपड़े या धागे के सहारे बाँध दें। इस प्रयोग से लगभग सभी प्रकार के बुखार दूर हो जाते हैं।


निष्कर्ष 

मंत्रों के निर्माण समाज में छोटे-मोटे कार्यों जो मनुष्यों नहीं हो पाते तो उन कार्यों को इन मंत्रों से आसानी से किया जा सकता है इन मंत्रो को केवल एक बार सिद्ध करना होता है उसके बाद इसका आप इस्तेमाल कर सकते है ध्यान रहे मंत्रों में शक्तियां कार्य करती है इसमें आपको हानि भी हो सकती है 


इसी लिए किसी गुरु के सानिध्य में करना अच्छा होता है और आपको मंत्रों के बारे में कुछ जानकारी होनी ही चाहिए तभी आप इनका प्रयोग करे , यह मंत्र आपके ऊपर निर्भय करता है कि आप इस मंत्र का कैसे प्रयोग करते है जागृत करते है 15 मंत्र दिए गए है यह किसी प्रकार के बुखार को उतारने का में आपका सहायक करेगा चाहे कैसे भी बुखार हो आप इन मंत्रों से बुखार को उतार सकते है।