दांतों का दर्द एक ऐसी समस्या है जो हमें असहनीय कष्ट पहुंचा सकती है। यह तकलीफ़ आम तौर पर उन कारणों जैसे की दांतों की समस्याएँ, मसूढ़ा संबंधित विकार, खराब खानपान, या संक्रमण के कारण हो सकती है। 


इस समस्या का आधुनिक इलाज होता है, लेकिन प्राचीन संस्कृति में भी दांत दर्द को दूर करने के कई मंत्र हैं, जिनका जाप करने से यह समस्या शीघ्र ही दूर हो जाती है। यहाँ पाँच प्राचीन मंत्र हैं जो दांत दर्द से तुरंत राहत प्रदान कर सकते हैं  


पुराने समय में दांतों के दर्द की समस्याओं का छुटकारा पाने के लिए मत्रों द्वारा ठीक किया जाता था उस समय जो व्यक्ति दांत दर्द नाशक मंत्र को सिद्ध कर लेते थे और लोगों के दांत दर्द की समस्याओं को ठीक कर देते थे 


वर्तमान समय में वह विधियां ठीक करने को देखने को नहीं मिलती है लेकिन कुछ इलाकों गांव में यह अभी भी प्रचलित है क्योंकि हिंदू धर्म ग्रंथो में मत्रों का बेहद खास महत्व है हिंदू धर्म के चार वेदों में केवल मंत्र हैं 


जिसके द्वारा पूरा हिंदू धर्म बना हुआ है हर एक काम में मत्रों का सहारा लिया जाता है इससे यह पता लगाया जा सकता है की मंत्रो का कितना बड़ा योगदान है बड़ी से बड़ी समस्याओं को भी मंत्र द्वारा ठीक कर लिया जाता है ऐसे ही आप दांत दर्द पीड़ा को दूर करने के लिए ऐसे पांच प्राचीन शक्तिशाली मंत्र बताएंगे जिसके द्वारा आप इस मंत्र से दांत दर्द पीड़ा को आसानी से ठीक कर पाएंगे।


दांत दर्द निवारण मंत्र क्या है


दांतों की समस्याओं को मत्रों द्वारा ठीक करने की प्राचीन विधि बहुत पुराने समय से चलती आ रही है जिसके द्वारा अनेक प्रकार के दांत में किसी भी प्रकार की समस्या हो उसे ठीक कर लिया जाता था जो व्यक्ति मंत्र सिद्ध कर लेता था लोग उनके पास जाते थे और वह उस व्यक्ति का दांत दर्द की पीड़ा को मंत्र के द्वारा ठीक कर देते था।

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दांत दर्द का मंत्र कैसे काम करता है 


दांत दर्द नाशक मंत्र की विधि पूर्वक जप करने से दांत दर्द जैसे समस्याएं उस मंत्र के शक्ति के प्रभाव से ठीक हो जाता है मंत्र में ऐसी शक्तियां होती हैं जो दांत दर्द किसी भी प्रकार का हो उसे वे शक्तियां ठीक कर देती हैं हर एक मंत्र में कोई देवी या देवता या गुरु होता है जिसकी मंत्र के द्वारा आराधना उनसे निवेदन किया जाता है कि आप इस व्यक्ति के दांत दर्द को ठीक करने का कृपा करें और वह प्रसन्न होकर उस व्यक्ति की पीड़ा को दूर कर देते हैं

 

दांत दर्द से तुरंत राहत के लिए 5 प्राचीन मंत्र


दांत दर्द से छुटकारा पाने के लिए ऐसे खास शक्तिशाली 5 प्राचीन मंत्र हम आपको बता रहे हैं दांत की किसी भी प्रकार की समस्या हो आप उसे आसानी से ठीक कर पाएंगे हर एक मंत्र अलग-अलग होते हैं और हर एक मंत्र में शक्तियां अलग-अलग होती हैं और हर एक मंत्र का जप अलग होता है और उसकी विधियां अलग होती हैं इसलिए आप हर एक मंत्र की अलग से विधियां हैं कृपया करके आप इस विधि अनुसार मंत्र को जब करें और इस नियम के अनुसार दांत दर्द पीड़ा को दूर करें। तभी इसका लाभ मिलेगा।


1.दांत दर्द मंत्र

ॐ नमो आदेश गुरु को वन में ब्याई अंजनी जिन जाया हनुमंत कीड़ा मकूड़ा माकड़ा ये तीनों करे भस्मंत गुरु गोरख की शक्ति मेरी भक्ति फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा।

होली-दीपावली की रात में या ग्रहणकाल में इस मन्त्र को दो हजार सात बार जप करके सिद्ध कर लें तथा इतनी ही आहुति देने से मन्त्रसिद्ध हो जाता है। फिर प्रयोग करते समय शीशम की टहनी से इकतीस बार झाडा देने से दाँत की पीड़ा दूर हो जाती है।

 

2.दाँत दर्दनाशक मन्त्र

काहे रिसियाये. हम तो अकेला।

तुम हो बत्ती सवार हम जोला॥

हम लावै तुम बैठे खाव ।

अंत काल में संग ही जाय।॥

तीन बार यह मन्त्र बोलकर झाड़ें तो दाँतदर्द की निवृत्ति होती है।

 

3.दंत कीट-निवारण मन्त्र


ॐ नमो आदेश गुरु को, वन में बयाई अंजनी जिन जाए हनुमंत कीड़ा मकड़ा मांकड़ा ए तीनों भस्मन्त गुरु की शक्ति, मेरी भक्ति फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा। इस मन्त्र को एक लाख जप करने से सिद्ध किया जा सकता है। इसका प्रारम्भ शुभ दिन में करना चाहिये। मन्त्र सिद्ध होने पर नीम की डाली से 21 बार झाड़ने पर दाँत का दर्द दूर हो जाता है।


4.दांत में कीड़ा निकालने का मंत्र

ॐ नमो कीडरे तू कुडरकुंवाला लाल पूंछ तेरा मुंह काला। मैं तोहि पूछूं कहां कहां से आया, तोड़ मांस सबको क्‍यों खाया तू जाय भस्म हो। गोरखनाथ सांचा लागू पायं। शब्द सांचा पिण्ड कांचा फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा। इस मन्त्र का 21 बार उच्चारण करते हुए नीम की टहनी से झाड़ें तो दाँत के कीड़े समाप्त हो जाते हैं। 


5.दन्त कीटनाशक मन्त्र


ॐ नमो आदेश गुरु को वन में। ब्याही अंजनी, जिन जाया हनुमन्त।।

कीड़ामकड़ा माकड़ा, से तीनों भस्मन्त। गुरु की शक्ति मेरी भक्ति फुरो

मन्त्र गोरखनाथ वाचा। इसका शुभारम्भ दीपावली से करना चाहिए। मन्त्र सिद्ध होने पर नीम की टहनी से झाड़ने पर कष्ट समाप्त हो जाते हैं। अगर इस मन्त्र का उपयोग करते हुए कटाई के बीजों का धुआं दातों में दें तो कीड़ी भी निकल जाते हैं।

 

6.दांत दर्द-निवारक मन्त्र

भेंसासुर के इमली, अलग-बिलग गए डार। ऊपर मोती कर है, नीचे

कर भेंसा रखवार। वो भैंसा न जानिए, जो जोते तेली कलार। बारा भाटी

मद पिए, झोलह बुकरा खाय। इतने में न माने, तो खेत के भूत खाय।

खेत उढ़ना, खेते दसना, खेते करे अहार। जै दिन करुवा भूत न पावीं, ते

दिन करे उपास। पकड़ भूत पछाड़ें, तब गोड़े तले दाबै। तब करुवा वीर

कहलावे। भाग भूत, मोरी हांक पड़ी भैंसासुर की दुहाई।।

उपरोक्त मन्त्र का जप करते हुए दाँत-दाढ़दर्द के रोगी को झाड़ें तो दाँत-दाढ़दर्द में आराम मिलता हैं


दांत में कीड़ा निकालने का कौन सा मंत्र है?

ॐ नमो कीडरे तू कुडरकुंवाला लाल पूंछ तेरा मुंह काला। मैं तोहि पूछूं कहां कहां से आया, तोड़ मांस सबको क्‍यों खाया तू जाय भस्म हो। गोरखनाथ सांचा लागू पायं। शब्द सांचा पिण्ड कांचा फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा। इस मन्त्र का 21 बार उच्चारण करते हुए नीम की टहनी से झाड़ें तो दाँत के कीड़े समाप्त हो जाते हैं।