कलयुग में श्राप क्यों नहीं लगता इसका एक साधारण उत्तर यह है कि श्राप आप किसी को दे देंगे तो उस श्राप को पूरा कौन करेगा और आपमें कोई एसी शक्ति होती नहीं जिससे आप श्राप को खुद पूरा करे। इसलिए श्रीमद् भागवत गीता, पुराणों ,में साफ बताया गया है कि श्राप को पूरा करने वाला स्वयं परमात्मा ही होता है


इसीलिए जब आप परमात्मा के अनुसार चलते हैं उनके बताए गए मार्ग पर चलते हैं तब आप किसी को श्राप देते हैं तब वह श्राप भगवान उसे पूरा करते हैं आगे आप सब कुछ जानेंगे कि श्राप क्यों नहीं लगता इसका कारण क्या है और श्राप कैसे लगेगा सब कुछ जानेंगे।

कलयुग में श्राप क्यों नहीं लगता सही वजह जाने


कलयुग में श्राप क्यों नहीं लगता कलयुग में श्राप न लगने का कारण केवल कलयुग में धर्म के मार्ग पर नहीं चलने के कारण किसी को श्राप नहीं लगते है जब व्यक्ति हिंदू धर्म में बताए गए नियमों पर चलना बंद कर देता है तब उसके द्वारा बोले गए किसी भी वाणी श्राप आशीर्वाद किसी को भी दे उसका दूसरे के ऊपर कोई भी प्रभाव नहीं पड़ता है
 
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क्योंकि केवल धर्म के रास्ते पर चलने वाला ही व्यक्ति जब किसी को श्राप देता है तो वह श्राप दूसरे व्यक्ति को लगता है क्योंकि धर्म को बनाने वाला ईश्वर है और जब आप उनकी बात मानते हैं और उनके बताए हुए धर्म अनुसार अपना जीवन जीते हैं नियम पर चलते हैं तो आप जिसे भी श्राप देते हैं आशीर्वाद देते हैं उस आशीर्वाद श्राप को भगवान स्वयं पूरा करते हैं जिसके कारण वह श्राप व्यक्ति को लगता है 


अर्थात आशीर्वाद श्राप को पूरा करने वाला ईश्वर ही होता है और जब आप ईश्वर की आज्ञा अनुसार उनके बताए गए मार्ग पर चलते हैं तब आपके द्वारा दिया गया श्राप किसी भी व्यक्ति को लगता है यही सही कारण वजह है 


आप श्रीमद् भागवत, गीता विष्णु पुराण, स्कंद पुराण, उपनिषद ,इन सबको आप पढ़कर स्वयं भी पता कर सकते हैं की क्यों कलयुग में श्राप नहीं लगते हैं श्राप न लगने का मुख्य कारण क्या है हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार केवल धर्म के मार्ग पर न चलने के कारण कलयुग में श्राप नहीं लगते है


लेकिन वर्तमान समय में ऐसा माहौल बन चुका है कि धर्म को लोग गलत और अपमान समझा रहे हैं स्कूलों, कॉलेजों में धर्म की बातें करने पर बुरा समझ रहे हैं जिसके कारण स्कूलों में धर्म का किसी भी प्रकार का ज्ञान नियम नहीं सिखाया जा रहा है धर्म को पूरी तरह नष्ट कर दिया गया है जिसके कारण भारत में ऐसा कोई नहीं बचा है जिसे धर्म कुछ ज्ञान हो और सही धर्म के मार्ग पर चले और वह धर्म के मार्ग पर चलकर तपो बल प्राप्त करें और किसी को श्राप या आशीर्वाद दे तो दूसरे को लगे, इसलिए श्राप न लगने का करण धर्म का अनुसरण नहीं करने कारण हो रहा है


जब आप धर्म के बताए गए मार्ग पर चलेंगे तभी आपके द्वारा दिए गए श्राप दूसरे व्यक्ति को लग सकता हैं ध्यान रहे केवल हिंदू धर्म ग्रंथो में बताए गए नियमों पर चलने से व्यक्ति में शक्ति आती है अन्य किसी भी धर्म को आप कितना भी चलेंगे कोई शक्तियां आप में नहीं मिलेगी क्योंकि केवल हिंदू धर्म ही सनातन पुरातन और सत्य वाला धर्म है इसके अलावा ऐसा कोई भी धर्म नहीं है जो आपको शक्तियां प्रदान करें जिससे आपके मुख से निकला वाणी सत्य हो सके केवल हिंदू धर्म ही ऐसा धर्म है



जिसके मार्ग पर चलने से व्यक्ति खुद को देवता, शक्ति वाला बना सकता है अन्य किसी मार्ग पर चलने से ऐसा नहीं होता है क्योंकि आपको शक्तियां सिद्धियां देने वाला परमात्मा ही होता है और जब आप परमात्मा की बात मानकर उनके बताए हुए रास्ते पर चलते हैं तब यह शक्तियां आपके भीतर आती हैं और आप जिसे भी श्राप देते हैं वह श्राप किसी को तुरंत लगता है 

उदाहरण.. देवी अनुसूया,वेदव्यास, महर्षी वाल्मीकि, ब्राह्मण लोग, मीरा,और संतलोग, जैसे युधिष्ठिर, द्रोपति,पांचाली,गांधारी, जिसने कृष्णा भगवान को श्राप दिया की उनकी द्वारिका नगरी नष्ट हो जाएगी तो वह नष्ट हो जाता है।


अगर आपसे कोई पूछे कि कलयुग में श्राप क्यों नहीं लगता तो आप इस artical को उस व्यक्ति को तुरंत दिखाएं जिससे उसे भी पता चले कि कलयुग में श्राप न लगने का कारण क्या है


कलयुग में श्राप क्यों नहीं लगता कारण उत्तर


कलयुग में श्राप क्यों नहीं लगता उसका महत्वपूर्ण कारण केवल धर्म के मार्ग पर नहीं चलने के कारण होता है यह आप जान चुके हैं इसे और गहराई से समझने का प्रयास करते हैं जिससे आपको किसी भी प्रकार की शंका न रहे..


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आपको पता है कि कि संसार में चार युग बताए गए हैं जिसमें सतयुग, त्रेता युग, द्वापर युग, और कलयुग, जिसमें सतयुग में  100% धर्म के मार्ग पर लोग चलते थे और त्रेता युग में 75 % लोग धर्म के मार्ग पर चलते हैं और द्वापर युग में 50% वही कलयुग में 25% लोग केवल धर्म चल रहे है  


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2. शास्त्रों अनुसार भोजन करते समय नियम विधि मंत्र अर्थ सहित


जिसमे वर्तमान समय में उसकी मात्रा घटकर 15% हो चुकी और क्योंकि 15 से 20 वर्ष के लोगो के बाल सफेद तेजी से हो रहे है यह संख्या बड़ती जा रही है ?


आते-आते यह % जीरो हो जाएगा अर्थात कोई भी धर्म के मार्ग पर नहीं चलेगा और जिस प्रकार लोग धर्म को छोड़ते जा रहे हैं वैसे-वैसे लोगों द्वारा दिए जाने वाला श्राप, आशीर्वाद का महत्व खत्म होता जा रहा है क्योंकि श्राप को पूरा करने वाली शक्तियां होती हैं जिसे ईश्वर कहते हैं और आप ईश्वर के बताए गए मार्ग पर चलना बंद कर देते हैं केवल आप अपने मनमानी आचरण अनुसार केवल संभोग पैसे कमाने केवल इतना आपके पास जीवन रह जाता है 


जैसे एक जानवर अपने पूरे जीवन काल में केवल भोजन खाना, संभोग करना, सोना , इतना उसका पूरा जीवन इसी में खत्म हो जाता है और वही जब आप करने लगते हैं तब आप धर्म को पूरी तरह भूल जाते हैं और भगवान द्वारा बनाए गए धर्म के मार्ग पर चलना बंद कर देते हैं


जिसके कारण भगवान आपकी किसी बात को नहीं मानते हैं ना सुनते हैं जिससे आप किसी को श्राप देते है या आशीर्वाद दें उसे पूरा कोई नहीं करता जिसके कारण वह दिया गया आशीर्वाद श्राप झूठ हो जाता है बस यही कारण है कि कलयुग में श्राप देने के बावजूद भी श्राप नहीं लगते है..... ।।  


ऐसे ही धर्म से जुड़ी किसी भी जानकारी को प्राप्त करने के लिए आप हमें कमेंट में जरूर बताएं सकते हैं जिससे हम सही और धर्म अनुसार आपको जानकारी दें. जिससे आप अपने जीवन में उतार सके. 🤗 Good bay fir milate hai ...