अध्यात्म योग में सफल होने के तरीके



आज के समय मैं अध्यात्म योग में सफलता प्राप्त करना कठीन होता जा रहा है ऐसा इसीलिए हो रहा है की अध्यात्म योग की सही जानकारी साधक के पास नही है और एक सच्चा अध्यात्म गुरु नही मिल पा रहा है इन कारणों से अध्यात्म योग धीरे धीरे लुप्त हो रहा है ध्यान एक ऐसी विधि है जिसके द्वारा साधक आत्म ज्ञान को प्राप्त करता वह जान जाता है की वह क्या है मैं कौन हूं। मुझे इस संसार मैं क्या करना है. यह संसार क्या है और सारे दुख दर्द चिंताओ से मुक्त हो जाता है और परमात्मा से संपर्क करके मुक्ति प्राप्त कर लेता है।


अध्यात्म योग मैं सफलता कैसे प्राप्त करना है आज मैं आपको बताऊंगा। आपको पता होना चाहिए की अध्यात्म योग का ज्ञान हर किसी को नहीं दी जाती है व्यक्ति को अध्यात्म योग से  हमेशा दूर रखा जाता है ऐसा इसलिए होता है क्योंकि योग साधना खतरनाक वह इसमें सफलता प्राप्त करना कठीन है जब एक साधक को योग साधना मैं आत्म ज्ञान की प्राप्ति होने के बाद व्यक्ति का सारा जीवन बदल जाता है

 उसे किसी भी प्रकार का संसार का मोह माया नहीं रह जाता है वह देखता है की यह संसार एक नाटक है इसे चलाने वाला परमात्मा है जिसके अधीन यह सब कुछ हो रहा है और प्रत्येक व्यक्ति मैं बैठा परमात्मा यह सब कुछ देख रहा है इसके कारण आप लोग देखते है की अधिकतर योगी परिवार से दूर होकर योग साधना मैं मग्न रहते ऐसा इसीलिए होता है।


 आपको मैं बातादुकी की जब एक साधक को योग साधना मैं सफलता मिलती है तब उसे ऐसा आनंद की प्राप्ति होती है जिसकी कल्पना करना कठीन है उस आनंद के आगे संसार का कोई सुख उसके आगे तुच्छ लगने लगता है इसी के कारण योगी हमेशा योग साधना मैं लगे रहते है युगों बीत जाते है परंतु योगी ध्यान मैं लगे रहते है


मैं आपको एक बात बताना चाहता हु की जब योगी को समाधि की प्राप्ति होती है तब वह इस प्रकृति से उसका संपर्क टूट जाता है उसे सर्दी, गर्मी, धूप, वर्षा, किसी भी मौसम का अनुभव नहीं होता है एक सामान्य मनुष्य की आयु 100 वर्ष की होती लेकिन एक योगी की आयु उसके ऊपर होती है वह जितना चाहे उतना जीवन जी सकता है वह चाहे तो हजारों वर्षों तक जीवित रह सकता है वह उसके ऊपर होता है आपने देखा होगा की कई योगी हिमालय की बर्फीली चोटियों पर योग साधना मैं लिन रहते जो बिना किसी वस्त्र है इसके बावजूद वे जीवित रहते है ऐसा इसीलिए होता है 


आपने जाना की योग साधना क्या है योग साधना से क्या क्या होता है इसके लाभ क्या होते है अब आपको मैं योग साधना मैं सफलता कैसे प्राप्त करना यह बताता हु ।

अध्यात्म योग के secrets गुप्त ज्ञान 


अध्यात्म योग साधन के लाभ क्या क्या होते है इसके बारे मैं जानकर आपको यकीन ही नहीं होगा लेकिन यह सत्य है क्योंकि जब मुझे साधना मैं सफलता प्राप्त हुआ तब मेरा साथ जो कुछ हुआ उसकी कल्पना करना कठीन है योग साधना के कुछ सीक्रेट्स आपको पता होना चाहिए। तभी आप योग साधना के लाभ के बारे मैं जान पाएंगे .योग साधना के द्वारा जब साधक अपने मन पर विजय प्राप्त कर लेता है तब साधक के दिमाक मैं विचार (thought) आने पूरी तरह बंद हो जाते है और साधक एक ऐसे आनंद की अनुभूति करता है जिसकी कल्पना करना कठीन है 


उस आनंद के आगे संसार को कोई भी सुख क्यों न हो सब तुच्छ हो जाता है एक आम इंसान का सुख पैसा गाड़ी कार ,बड़ा ,मकान को मानता है लेकिन योग मैं जो आनंद खुशी मिलता है उसके आगे सब पानी के समान है आपको पता होना चाहिए की जब साधक केवल अपने मन पर विजय प्राप्त कर लेता है तब साधक किसी के मन को पढ़ लेता है जब आप उससे कुछ बात करेंगे तब आपके मन की बात साधन आराम से जान जाता है साधक जो भी काम करता है उसमे सफलता तुरंत मिलती है और मुख्य बात ,मन वश मैं होते ही शरीर से डर, भय, काम, क्रोध, मोह, लालच, आलस, घमंड, इर्षा , राग, द्वेस, सब खत्म हो जाता है उसके बाद आपको  दोस्त  और दुश्मन आपको एक समान दिखाई देने लगेंगे आपको पूरा संसार एक नाटक ढोंग के जैसा दिखाई देने लगेगा। 


और आपको अपना जीवन जीने मैं इतना मजा आएगा की मैं क्या कहूं किसी को अधिक क्रोध आता है तो किसी आलस अधिक आता हैं लेकिन जब आपको क्रोध आयेगा तब आपको क्रोध क्यों आ रहा है इसका पता आपको स्वंम ही मिल जायेगा । जब साधक समाधि को प्राप्त कर लेने के बाद साधक और प्राकृति से उसका संपर्क टूट जाता है इसके कारण साधक एक आम इंसान से देव पुरुष बन जाता है उसे तत्व ज्ञान की प्राप्ति होती है कुछ योग के सीक्रेट जो आपको शायद पता नही होगा।


अध्यात्म योग की संपूर्ण विधि का ज्ञान अर्जित करना।

कोई भी काम हो उसमे सफलता प्राप्त करने से पहले उस काम की जानकारी ज्ञान लिया जाता है उसके बाद action, काम किया जाता है अन्यथा आप उस काम मैं भटक सकते है इसलिए सबसे पहले आप अध्यात्म योग ,अष्टांग योग की संपूर्ण जानकारी ज्ञान का होता अति आवश्यक है अन्यथा आपको कैसे पता चलेगा कि मुझे योग करने के दौरान क्या क्या करना है किसपर ध्यान लगाना है समाधि तक कैसे पहुंचना है ध्यान योग मैं एक गलती करने पर ध्यान भंग हो जाता है ध्यान योग की साधना इसीलिए कठिन है की एक गलती कई महीनो की तपेस्य नष्ट हो जाती है और फिर से उसे सुरू से करना पड़ता हैं 


नियम का सही से पालन करना 

 मनुष्यो के लिए तीन प्रकार के कर्म बनाए गए है कर्म योग ,भक्ति योग, ज्ञान योग , अध्यात्म योग ज्ञान योग मैं आता है भगवत गीता मैं साफ लिखा है ध्यान योग की साधन कठिन वह खतरनाक है इसमें सफलता के लिए एक गुरु की आवास्यकता होती है 


इसके बिना इसमें सफलता प्राप्त करना कठीन  है और खतरनाक भी । जब एक साधक ध्यान करने बैठता है जब एक साधक अपना मन इंद्रियो को वश में करने मैं 2 से 3 घंटे लगते है इन 3 घंटो के दौरान एक भी गलती की जाए तो फिर से 3 घंटे लगेंगे जब जब आप बीच मैं गलती करेंगे तब तब आपको फिर से ध्यान करना होगा। और फिर 3 घंटे लगेंगे. इसीलिए ध्यान योग की साधना कठिन है. इसीलिए ध्यान करते समय नियम का कड़ाई से पालन करना चाहिए   

दृणसंकल्प का होना अति आवश्यक है 

आप चाहे biseness करे या कोई नया कारोबार बार करे या योग साधना करे सब मैं दृणसंकल्प की आवश्यकता 
पड़ती है इसके बिना किसी भी काम मैं सफलता प्राप्त नहीं किया जा सकता है दृणसंकल्प का अर्थ होता है एक जिद एक काम को करने की चाह पागल होना , किसी हालात मैं उस काम को पूरा करना चाहे जो कुछ हो जाए ।


मैं आपको बता दुकी योग साधना मैं दृणसंकल्प के बिना ध्यान योग में सफलता प्राप्त करना असंभव है क्योंकि बड़े बड़े योगी सालो सालो साल अपने मन को वश मैं करने के लिए लगे रहते है जो उन्हें सफलता नहीं मिलती है मन को वश मैं करने के लिए साधक को दृणसंकल्पी होना चाहिए बिना दृणसंकल्प के मन को वश मैं नहीं किया जा सकता है 

संक्षेप में नियम 


  1. अध्यात्म योग की संपूर्ण ज्ञान विधि की जानकारी होना अति आवश्यक है 
  2. ध्यान हमेशा सुबह शांत स्थान पर करना चाहिए और 2 से 3 बजे करना सुरू कर देना चाहिए
  3. ध्यान करते समय एक भी गलती नही करनी चाहिए 
  4. ध्यान करते समय दृणसंकल्प करने के बाद ध्यान करना चाहिए
  5. ध्यान करना सुरू करे तभी आप जिस भगवान को मानते हो उनको ध्यान मैं सहायता मांग कर ध्यान लगाना चाहिए कुछ इस प्रकार( है राम है भगवान संसार के पालन कर्ता आपको मेरा प्रणाम मैं आज ध्यान योग द्वारा मैं आत्म ज्ञान को पाना चाहता हु भगवान इसमें आप हमारी सहायता करे जय श्री राम दस बार नाम ले और सुरू करे ध्यान लगाना। 
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