ब्रह्मचर्य शब्द हिंदू धर्म से आया हुआ है जो ब्रह्मचर्य का सही ज्ञान केवल हिंदू धर्म ही दे सकता है अन्य कोई नही, और हम आपको हिंदू धर्म में बताए गए ब्रह्मचर्य का पालन करने से क्या-क्या लाभ मिलते हैं आज आपको पता चलेगा कि ब्रह्मचर्य के पालन से कैसे-कैसे शारीरिक और आध्यात्मिक लाभ किस स्तर पर व्यक्ति को प्राप्त होते हैं जिसे जानकर आप पूरी तरह हैरान शोक में हो जाओगे।।
Brahmachary kya hai। ब्रह्मचर्य क्या है
ब्रह्मचर्य का अर्थ होता है ब्रह्म + चर्य अर्थात , जो ब्रह्म है जिसने पूरे ब्रह्मांड को बनाया है अर्थात ब्रह्मा + ब्रह्मा जिस नियम कानून से रहते हैं जिस आचरण से अपना जीवन जीते हैं वह आचरण जब मनुष्य अपने जीवन में उतारकर जीता है तो वह ब्रह्मचर्य कहलाता हैं
ब्रह्मचर्य में स्वयं ईश्वर अपना जिस रूप नियम कानून से जीते हैं उसे ही ब्रह्मचर्य कहते है। और इसी नियम से पूरे संसार को जीने के लिए भगवान स्वयं सभी मनुष्यों को कहते हैं जो आचरण भगवान भी पालन करते हैं और वही आचरण आप लोगों को भी अपने जीवन में उतारने को कहते हैं वही आचरण ब्रह्मचर्य कहा जाता है अब बात आती है कि ब्रह्मचर्य करने से क्या-क्या लाभ होते हैं आईए देखते हैं।
ब्रह्मचर्य का नियम स्त्री और पुरुष दोनों पर लागू होता है स्त्री जब ब्रह्मचर्य का पालन करती है तब उसे अलग प्रकार से लाभ होते हैं और जब पुरुष ब्रह्मचर्य का पालन करता है तब उसे अलग से लाभ प्राप्त होते हैं देखेंगे स्त्री और पुरुष दोनों को क्या-क्या लाभ प्राप्त होते हैं वैज्ञानिक और आध्यात्मिक दोनों प्रकार से।
Brahmachary ke benefits: ब्रह्मचर्य के प्रमुख लाभ कुछ इस प्रकार है
1. ब्रह्मचर्य का पालन करने से अनेकों प्रकार की सिद्धियां, शक्तियां अपने आप ही व्यक्ति में आ जाती है।
2. किसी को श्राप देने से वह श्राप तुरंत व्यक्ति को लगता है ब्रह्मचर्य अपने आंखों से किसी को क्रोध से भस्म करने की क्षमता व्यक्ति में आ जाती है।
3. ब्रह्मचर्य का पालन करने से ब्रह्मांड बनाने का क्षमता शक्ति व्यक्ति में आ जाता है वह ग्रह नक्षत्र अपने इच्छा से बना सकता है बिगाड़ सकता है।
4. व्यक्ति में इतनी शक्तियां सिद्धियों आ जाती है कि वह बड़े-बड़े देवी देवता स्वयं भगवान को भी श्राप देकर उनके पद से हटा सकता है उनको कष्ट पहुंचा सकता है इतनी क्षमता उसके में आ जाती है वह भगवान को ही नचा सकता है।
5. भूत भविष्य का ज्ञान व्यक्ति को हो जाता है व्यक्ति किसी के भी मन की बात को जान लेता है दूसरा व्यक्ति कैसा है उसको अपने आप ही उसका ज्ञान ब्रह्मचारी व्यक्ति को हो जाता है।
6. ब्रह्मचारी किसी को श्राप दे दे या आशीर्वाद दे दे वह तुरंत कार्य करता है जैसे ब्रह्मचारी अगर किसी महिला को आशीर्वाद दे दे कि तुमको एक वर्ष बाद पुत्र होगा तो उसे अवश्य पुत्र होगा यह निश्चित है अगर वह किसी को एक वर्ष के भीतर करने का श्राप दे दे तो व्यक्ति 1 वर्ष बाद तुरंत मर जाएगा इतनी क्षमता ब्रह्मचारी में होती है।
7. ब्रह्मचर्य से व्यक्ति परमात्मा जितना शक्ति वाला बन जाता है क्योंकि उसमें और भगवान में कोई अंतर नहीं रह जाता क्योंकि जो आचरण भगवान का होता है वही आचरण मनुष्य करता है जिस कारण जो शक्तियां भगवान में होती है वही शक्तियां व्यक्ति के भीतर आ जाती है इसलिए व्यक्ति जो चाहता है वह कर सकता है
8. ब्रह्मचर्य का अध्यात्म में बड़ी भूमिका होती है जो ब्रह्मचर्य का पालन नहीं कर सकता उसे किसी भी प्रकार की शक्ति व्यक्ति को नहीं प्राप्त हो सकती है और ब्रह्मचर्य के नष्ट होने पर जितनी भी शक्तियां सिद्धियां होती हैं वह तुरंत नष्ट हो जाती हैं इस बात का ध्यान रखना चाहिए।
9. ब्रह्मचर्य ही व्यक्ति को महान देव पुरुष बनाता है जो सामान्य व्यक्ति से अलग होता है उसका आचरण ईश्वर के आचरण के जैसा होता है जिसके कारण उसके में परमात्मा अपनी शक्ति दे देते हैं जिसके कारण उसके में अनेकों प्रकार की शक्तियां आ जाती हैं लेकिन ब्रह्मचर्य को नष्ट करते ही सारी शक्तियां सिद्धियां ईश्वर नष्ट कर देते हैं इसका आप विशेष ध्यान रखें यह बातें शास्त्रों पुराणों में लिखित है यह लाभ ब्रह्मचर्य के पालन करने से होती है।
10. ब्रह्मचर्य से ही मन बुद्धि इंद्रियां सब कंट्रोल में रहती हैं व्यक्ति चाहे किसी भी कार्य को अपनी इच्छा अनुसार किसी कार्य को कर सकता है और उसमें सफलता प्राप्त कर सकता है और पूरे संसार को चलाने की क्षमता उसके में रहती है यह ब्रह्मचर्य का विशेष लाभ व्यक्ति को प्राप्त होता है।