हिचकी आना एक आम बात होती है जिसमें अधिक तीखे चीज खाने के बाद हिचकी आने की समस्या देखी जाती है जो कुछ देर के बाद चली जाती है या गड़बड़ खाना खाने के बाद भी यह समस्या आ सकती है अगर हिचकी आ जाए और रुके ना और वह लंबे समय तक बना रहे और जिससे आपको समस्याएं उत्पन्न हो रही हो
तो आप हिंदू धर्म ग्रंथ में हिचकी को रोकने के लिए अनेक मंत्र बताए गए हैं जिसके द्वारा हिचकी जैसी समस्याओं को दूर किया जा सकता है आज आप हिचकी को रोकने का मंत्र जानेंगे और अगर आपको हिचकी या किसी प्रकार का रोग हो तो आप उसे भी ठीक कर सकते हैं ऐसे ही दो मंत्र बताएंगे जिसके द्वारा आप आसानी से अपने हिचकी आने को रोक सकते हैं ।
हिचकी रोकने का 2 शक्तिशाली मंत्र जो आपके हिचकी को तुरंत रोकने में सहायता करेगा।
हिचकी आना एक आम बात होती है हिचकी अधिकतर भोजन करते समय अधिक आती है और कुछ लोगों में हिचकी आ जाने के बाद रुकने का नाम नहीं लेती है
उन लोगों के लिए यह खास मंत्र बताए जा रहे हैं जिसके द्वारा हिचकी को आसानी से रोक सकते हैं और जिनको हिचकी होने की बीमारी है वे लोग हिचकी के बीमारी को भी इस मंत्र से ठीक कर सकते हैं
यह मंत्र बेहद ही शक्तिशाली मंत्र है और इस मंत्र का आप विधि अनुसार प्रयोग करने से हिचकी को आसानी से रोक सकते हैं और दूर कर सकते हैं
हिचकी रोकने का मंत्र
मंत्र है : ॐ सुमेरु पर्वत पर नोना चमारी। सोने की रांपी, सोने की सुतारी। हक चूक वाह बिलारी। धरणी नालि काटि कूटि समुद्र खारी बहावो नोना चमारी की दुहाई। फुरो मन्त्र खुदाई।
जब हिचकी न थमे तो इस मंत्र को जपते हुए रोगी को फूंक मारने से हिचकी थम जाती है
हिचकी रोग-नाशक मंत्र
मंत्र है : ॐ सुमेरु पर्वत पर लोना चमारी सोने की संपी सोने की सुतारी हक चूक बाह बिलारी धरणी नाल काटि कूटि समुद्र खारी बहावो लोना चमारी की। दुहाई फुरो मन्त्र खुदाई।
उक्त मंत्र से इक्कीस बार बोलते हुए झाड़ा देने से कुछ दिनों के प्रयोग से हिचकी रोग ठीक हो जाता है।