प्राणायाम अर्थात् प्राण + आयाम से मिलकर बना प्राणायाम है यह प्राणायाम की प्रक्रिया शरीर में प्राण वायु को प्राणायाम द्वारा संतुलन करना और शरीर में वायु समान बनाए रखना प्राणायाम कहलाता है प्राणायाम का हिंदू धर्म ग्रंथो में बड़ी भूमिका है प्राणायाम शरीर को स्थित प्राण वायु को संतुलन करने की प्रक्रिया है जिससे व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक और आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होता है और शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ जाता है
शरीर का विकास तेजी से होने लगता है अध्यात्म मार्ग में प्राणायाम की बड़ी भूमिका है बिना प्राणायाम की साधना किए व्यक्ति योग मार्ग में आगे नहीं बढ़ सकता प्राणायाम करने से व्यक्ति को शारीरिक स्वास्थ्य और योग मार्ग में आगे बढ़ने में सहायता करता है और व्यक्ति को फुर्तीला तंदुरुस्त ऊर्जावान बनाता है जिससे व्यक्ति ध्यान करने में उसे आसानी होती है आज हम आपको प्राणायाम करना शुरू से सीखने वाले हैं की प्राणायाम कैसे किया जाता है और इसे प्रारंभ कैसे करें और प्राणायाम करने से क्या-क्या लाभ होते हैं और योग में यह कितना महत्वपूर्ण होता है सब कुछ आज आप प्राणायाम के बारे में जानेंगे और करना सीखेंगे चलिए जानते हैं ।
प्राणायाम क्या है अर्थ और परिभाषा
प्राणायाम एक सांस पर व्यायाम करने की तकनीक है जिसमें प्राणायाम के माध्यम से शरीर में ऑक्सीजन की पूर्ति की जाती है प्राणायाम का उल्लेख हठयोग घेरण्ड - संहिता अष्टांग योग में मिलता है और शिव संहिता में भी इसका उल्लेख है इसके आविष्कारक कौन है इसका पूरी तरह अभी तक पता नहीं चल सका है आप इसे इस प्रकार समझ सकते हैं कि इसके आविष्कारक स्वयं विष्णु भगवान हो सकते हैं क्योंकि योग का उद्देश्य सर्वप्रथम भगवान विष्णु ने सूर्य देव को सुनाया था और सूर्य देव ने ऋषियों और ऋषियों ने समाज में फैलाया है
प्राणायाम का अर्थ होता है प्राण अर्थात आपको जीवित रखने वाली वायु प्राण वायु कहलाती है और आयाम अर्थात वायु को संतुलन करना उसे पूरे शरीर में भेजना वायु की कमी को पूरा करना प्राणायाम कहलाता है आपका शरीर पंच तत्वों से मिलकर बना होता है जिसमें दूसरा तत्व वायु का हिस्सा है वायु के कारण ही व्यक्ति जीवित रहता है अगर शरीर से वायु को निकाल दिया जाए तो व्यक्ति कुछ ही समय में मृत्यु को प्राप्त हो जाएगा इसी कारण वस वायु को प्राण वायु भी कहा जाता है
जब व्यक्ति की मृत्यु होती है तब उसके शरीर से वायु निकल जाती है तो व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है इस कारण से इसे प्राण वायु कहते हैं जब व्यक्ति के शरीर में वायु की कमी पड़ती है तब हमें महर्षि पतंजलि द्वारा रचित प्राणायाम तकनीक के द्वारा हमें अपने शरीर में ऑक्सीजन की पूर्ति के लिए प्राणायाम की प्रक्रिया करनी पड़ती है जिससे आपके शरीर में ऑक्सीजन की सही से पूर्ति हो सके और आपका शरीर अच्छे से कार्य करें। और शरीर का विकास तेजी से हो और आप एक लंबी आयु जी सके यही होता है प्राणायाम का कार्य प्राणायाम का मुख्य कार्य आपके शरीर में कोने-कोने तक वायु को पहुंचाना जिससे शरीर का विकास तेजी से हो इसका यही मुख्य कार्य होता है
प्राणायाम करने के लाभ फायदे
प्राणायाम एक तकनीक है जिसके माध्यम से शरीर में वायु को पूरे शरीर में फैलाना वायु की कमी को दूर करने का होता है कोई व्यक्ति जब प्राणायाम की प्रक्रिया से अपने शरीर में ऑक्सीजन की पूर्ति 100% सही से कर लेता है तब उसे इसका लाभ स्वयं दिखाई देता है प्राणायाम करने से व्यक्ति में क्या-क्या लाभ दिखाई देते हैं आप आगे देखें।
- ऑक्सीजन की कमी की पूर्ति
- शरीर में हल्का पन लाता है
- मानसिक शांति मिलता है
- आयु लंबी होती है
- बंद हुई नशे खुल जाती हैं
- फेफड़ा अच्छे से कार्य करने लगता है
- भूख प्यास पर नियंत्रण करने की क्षमता आ जाती है
- गैस की समस्या खत्म हो जाती है
- पेट से संबंधित सभी समस्याएं खत्म हो जाती है
- शरीर में घोड़े जैसी ताकत आने लगती है
- शरीर में ऊर्जा स्तर में वृद्धि तेजी से होती है
- शरीर में ब्लड अच्छे से पहुंचने लगता है
- हार्ट की बीमारी से निजात मिलता है
- शरीर में वीर्य की मात्रा अधिक तेजी से बढ़ता है
- शरीर में फुर्ती तंदुरुस्त बनता है
- मानसिक बुद्धि में विकास होता है
- बीमारी आने की समस्या नहीं होती है
आध्यात्मिक लाभ
प्राणायाम की प्रक्रिया जब अष्टांग योग विधि द्वारा की जाती है तब व्यक्ति में प्राणायाम के अलग तरीके से लाभ देखे जाते हैं कुछ इस प्रकार
- शरीर पूरी तरह हल्का हवा की भांति लगता है
- शरीर का सीना पूरी तरह फूल जाता है सिने की लंबाई अधिक हो जाती है
- व्यायाम की प्रक्रिया 2 घंटे से अधिक लगातार की जाए तो मन बुद्धि सब कंट्रोल में आ जाता है
- दिमाग से टेंशन डिप्रेशन जैसी समस्याएं तुरंत खत्म हो जाती हैं और आनंद की अनुभूति प्राप्त होती है
- शरीर पूरी तरह शांत स्थिर संतुलन हो जाता है
- शरीर के सीने में एक गर्माहट ऊर्जा सा महसूस होता है
- शरीर में एकाएक घोड़े जैसी ताकत देखने को मिलती है
- शरीर में उछल कूद दौड़ने को मन करता है जैसा फुर्तीला शरीर हो जाता है ऐसा लगता है कि हम हवा में उड़ जाएंगे।
- भूख प्यास की समस्याएं पूरी तरह खत्म हो जाती है
प्राणायाम करने का A To Z तरीका सही विधि नियम
प्राणायाम करने के लिए आपको सही तरीका और कैसे शुरू करना है इसका ज्ञान होना अति आवश्यक है तभी इसका आपको सही से लाभ प्राप्त होगा प्राणायाम करने का सही तरीका विधि
प्राणायाम करने का सही समय मिनट घंटा होना चाहिए
पहली बार करने वालों के लिए शुरू में 10 मिनट उसके बाद 20 मिनट फिर 30 मिनट फिर 40 मिनट करके धीरे-धीरे बढ़ाते जाना है यह प्रक्रिया 2 घंटे से ऊपर तक लगातार आपको ले जानी है
जो व्यक्ति प्राणायाम प्रतिदिन करता है वे लोग जब प्राणायाम करने के लिए बैठ जाएं तो वे बिना आसन से उठे लगातार प्राणायाम को 2 घंटे से अधिक समय तक करना चाहिए।
प्राणायाम की प्रक्रिया करते समय जब आपके शरीर में पूरी तरह वायु पहुंच जाए तब आप अपने शरीर के भीतर वायु को नहीं ले सकते हैं ना आप वायु को अंदर ना बाहर ले सकते हैं वायु पूरी तरह आपकी धीमी ना चलने के बराबर हो जाएगी और आपका छाती सीना पूरी तरह फूल जाएगा और शरीर पूरी तरह कड़ा तंदुरुस्त हो जाएगा ऐसी स्थिति में आपके शरीर में ऑक्सीजन की सप्लाई 100% हो चुकी होती है तब आपको प्राणायाम की प्रक्रिया रोक देनी है
1. ब्रह्म मुहूर्त में उठे
प्राणायाम की प्रक्रिया करने के लिए आपको प्रतिदिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 3 से 5 बजे के बीच में जो आपको अच्छा लगे उस समय आपको अपने बिस्तर से उठकर बाहर निकल जाना चाहिए ।
2. शांत स्थान चुने
व्यायाम करने के लिए अब आप अपने घर के आसपास किसी शांत शोरगुल जहां पर ना होता हो वहां पर जाए और प्राणायाम की प्रक्रिया करने के लिए तैयार हो जाए ।
3. स्वस्छ वायु वाला स्थान का चयन
जहां प्राणायाम की प्रक्रिया की जानी है वहां पर वायु स्वच्छ हो और वायु पूरी तरह आपके पास आ रही हो आपको प्राणायाम के द्वारा वायु की कमी ना हो जिससे आपको दम घुटे नही इसलिए आप किसी वृष या गार्डन में प्राणायाम की प्रक्रिया करने का प्रयास करना चाहिए।
4. कपड़े हल्के फुल्के पहने
प्राणायाम करने के लिए आप अपने शरीर पर हल्के-फुल्के कपड़े का यूज करें जिससे प्राणायाम करते समय आपको आपका वस्त्र किसी भी प्रकार की समस्या ना उत्पन्न कर दे आप टाइट मोटे कपड़े ना पहने जिससे आपको किसी प्रकार का कष्ट पहुंचे।
5. बैठने के लिए कोई वस्तु बिछा ले
प्राणायाम की प्रक्रिया करने के लिए आप जहां पर आसन लग रहे हो वहां पर कुछ मोती वस्तु को बिछा ले जैसे कोई गद्दा या घास किसी भी प्रकार का वस्तु को ले सकते हैं जो आपको बैठने में सुख प्रदान करें जिससे आपकी नसे दबे नहीं और आपको लंबे समय तक आसन में बैठने मैं आराम दे और आपको किसी भी प्रकार की समस्या ना हो सके
6. सूर्य की और मुख करके बैठे
प्राणायाम एक आध्यात्मिक प्रक्रिया है इसे करने के लिए आप अपने मुख को सूर्य की ओर कर लें जिधर पूर्व की दिशा है उस तरफ अपने फेस को कर लें जिससे आपके शरीर के ऊपर सूर्य की किरणें आती हो सूर्य की तरफ मुख करने से आपको प्राणायाम करने से अधिक लाभ पहुंचता है क्योंकि योग हमेशा सूर्य की तरफ मुख करके ही किया जाता है सूर्य की और मुख्य करके प्राणायाम करना शुभ होता है
7. सुखासन या पद्मासन में बैठे
प्राणायाम शुरू करने के लिए आप अब सुख आसन या पद्म आसन इन दोनों में से आपको जो भी लंबे समय तक आसन में बैठने में सुविधा लगे जिसमें आप आसानी से 2 घंटे से भी अधिक समय तक आसन में बैठे रह सकते है उस आसान को खुद से चुन ले और उस आसन में बैठने का प्रयास करें ध्यान रहे एक बार आसन में बैठ जाने के बाद आपको किसी भी परिस्थिति में आसन से उठना नहीं है इसीलिए आप आसन में बैठने का प्रयास पहले से ही कर ले।
8. 90° डिग्री सीधा शरीर को रखे
प्राणायाम करते समय आपका शरीर 90° डिग्री सीधा होना चाहिए जिससे आपका शरीर एक सीधी लाइन में स्थिर हो सके क्योंकि शरीर सीधा ना होने पर आप 2 घंटे से अधिक समय तक आसन में नहीं टिक सकते हैं इसीलिए शरीर का सीधा होना अति आवश्यक है
9. रीढ़ कमर गर्दन सिर को सीधा रखें
प्राणायाम करते समय अपने रीड की हड्डी कमर गर्दन सिर को हमेशा सीधा रखना चाहिए प्राणायाम करते समय अगर किसी प्रकार झुक जाए तो आप उसे फिर से सीधा कर लें ऐसा आपको बार-बार करना पड़ सकता है ध्यान रहे जब आप यह प्रक्रिया 45 मिनट से अधिक समय तक करते हैं तो एक ऐसी स्थिति आएगी जब आपका शरीर अपने आप ही एक सीधी लाइन में स्थिर हो जाएगा तब वह बार-बार किसी भी प्रकार से झुकेगा नहीं यह प्रक्रिया तभी होती है जब कोई व्यक्ति प्राणायाम की प्रक्रिया 1 घंटे तक करने में सफल हो जाता है।
10. दोनों हाथों को जांघ के बीच में रखें
प्राणायाम करते समय आसन में बैठ जाने के बाद अपने दोनों हाथों को जांघों के बीच में रखें जिससे आसान करते समय आपको समस्याएं नहीं आएंगे अन्यथा घुटने पर हाथ रखने पर वह आपको आसन करने में समस्या उत्पन्न करते हैं इसलिए अपने दोनों हाथों को जांघों के बीच में एक दूसरे को पकड़ के रख ले इमेज में बताई जा रहे हैं
11. आंखे बंद कर ले
अब आप अपनी आंखें पूरी तरह बंद कर ले प्राणायाम करते समय आप कुछ भी देखे नहीं अपनी आंखें प्राणायाम करते समय बंद करके रखना है प्राणायाम करते समय आपको एक बार भी अपनी आंखें नहीं खोलनी है आपको लगातार आंखें बंद करके रखे जब आप प्राणायाम से उठे तभी आप अपनी आंखें खोले बीच में अपनी आंखें किसी भी परिस्थिति में खोल नहीं अन्यथा आपका प्राणायाम की प्रक्रिया भंग
हो सकती है
12. शरीर को शांत निर्मल छोड़ दे
प्राणायाम की प्रक्रिया करते समय आप अपने शरीर पर अधिक दबाव ना डालें अपने शरीर को शांत और निर्मल रूप से छोड़ें और शांति से प्राणायाम की प्रक्रिया करें।
13. एक लंबी वायु शरीर के भीतर खींचे
प्राणायाम करने के लिए अब आप एक लंबी जितनी हो सके उतनी वायु अपने शरीर के भीतर खींचने का प्रयास करें।
14. वायु को रोक दें
खींची हुई वायु को अब आप रोक दें जितना हो सके आप वायु को रोक के रखे जितनी देर तक रोकी वायु को अपने शरीर के भीतर रोक सकते है उतनी देर तक रोक के रखे।
15. वायु को छोड़ दें
जब आपसे वायु रोकी ना जाए तो आप रुकी हुई वायु को धीरे से पूरे शरीर से निकाल दें बाहर निकाली हुई वायु को इसी समय फिर रोक दे जितनी देर तक बाहर अपनी वायु को रोके रह सकते हैं उतनी देर तक उसे रोके रहे।
16. एक लंबी वायु को शरीर के भीतर खींचे
बाहर छोड़ी हुई वायु को फिर अपने शरीर के भीतर पूरी तरह खींचे जितना हो सके आप अपने वायु को शरीर के भीतर लेने का प्रयास करें अब आप अपनी खींची हुई वायु को इसी पर रोक दें जितनी देर हो सके उस वायु को रोक रहे फिर वायु को छोड़े छोड़ते समय वायु को पूरी तरह शरीर से निकाल दे फिर वायु को इस पर रोक दे फिर वायु को अपने शरीर के भीतर खींचे यह प्रक्रिया आपको लगातार करते रहना है जब तक की आपके शरीर में ऑक्सीजन की सप्लाई पूरी तरह ना हो जाए।
वही आप अपने शरीर के भीतर वायु को जोर से खींचेंगे और तुरंत बाहर छोड़ देंगे और यह प्रक्रिया 10 से 20 बार करेंगे तो आप चक्कर खाकर गिर जाएंगे इसीलिए अपने शरीर के भीतर वायु खींचे तो इसी समय रोक दें फिर रुकी हुई वायु को बाहर छोड़े तो फिर रोक दे और बाहर खींची हुई वायु को फिर भीतर ले फिर रोक दे ऐसा आपको करना होता है अन्यथा आप वायु को रोक कर नहीं रखेंगे तो वायु पर संतुलन न होने से आपको अनेकों प्रकार के समस्याएं आ सकती हैं
प्राणायाम सिद्ध होने वायु की पूर्ति होने के लक्षण संकेत
प्राणायाम की यह प्रक्रिया लगातार आप बिना रोके अपने शरीर में ऑक्सीजन पूर्ति होने तक लगातार करते हैं तब आपके शरीर में ऑक्सीजन वायु की पूर्ति होने पर आपके शरीर में यह लक्षण संकेत दिखता है तब आपको प्राणायाम की प्रक्रिया रोक देनी है अर्थात आपको रोकने की आवश्यकता नहीं है प्राणायाम की प्रक्रिया खुद ही खुद स्वत ही रुक जाएगी आपको रोकने की आवश्यकता भी नहीं पड़ेगी।
शरीर में वायु की पूर्ति होने पर आपका सीन छाती पूरी तरह गुब्बारे की तरफ फूल जाएगा आपको ऊर्जा गर्मी महसूस होगी आपकी स्वास अंदर बाहर करते समय आपसे स्वास नहीं ले जाएगी आपकी स्वास अंदर बाहर होना अपने आप ही बंद हो जाएगा आपकी स्वास पूरी तरह न चलने के बराबर धीमा हो जाएगी आप खुद से अपने शरीर के भीतर वायु को नहीं ले सकेंगे ना बाहर छोड़ सकेंगे वायु पूरी तरह शांत हो जाएगी यह स्थिति आने पर आपके शरीर में ऑक्सीजन की 100% पूर्ति का संकेत होता है अर्थात ऑक्सीजन की पूर्ति होने पर आपकी स्वास अंदर बाहर जाने रुक जाता है वह पूरी तरह धीरे-धीरे चलने लगता है और आपको पता भी नहीं चलता कि ऑक्सीजन चल रहा है
ऐसी स्थिति आने पर प्राणायाम की प्रक्रिया सिद्ध हो जाता है आपने प्राणायाम को 100% सही तरीके से कर लिया है अब आप प्राणायाम के लाभ को स्वयं देख सकते हैं इसे आपको कोई नहीं बता सकता प्राणायाम का लाभ आपको स्वयं दिखाई देगा अगर आप प्राणायाम बीच में रोक देते हैं और आपके शरीर में वायु की सप्लाई 100% नहीं होती है तब आपको इसका लाभ देखने को नहीं मिलेगा अगर आप इसका लाभ 100% देखना चाहते हैं तो आपको प्राणायाम की प्रक्रिया 100% सही से करनी होगी तभी इसका लाभ आपको अपनी आंखों से दिखाई देगा।
निष्कर्ष
आज आपको हमने प्राणायाम करना A To Z तरीके से करना सिखा दिया है की प्राणायाम कैसे करना है कितने समय तक करना है इसके लाभ क्या-क्या होते हैं और प्राणायाम 100% करने पर आपको क्या-क्या लक्षण दिखाई देते हैं सब कुछ हमने आपको करना सिखा दिया इसमें अगर आपको किसी प्रकार की समस्या आती है तो आप हमें कमेंट में जरूर बताएं।