Pret badha nivaran Hanuman mantra: प्रेत बाधा एक ऐसी समस्या है जो दिखाई नहीं देती है वह शुष्म रूप में व्यक्ति के साथ होती है और किसी को पता भी नहीं चलता प्रेत बाधा से व्यक्ति ग्रसित है और व्यक्ति का जीवन पूरी तरह समस्याओं से गिरा रहता है मन उदास काम करने में मन का नहीं लगना सिर दर्द शरीर में अनेकों प्रकार की बिना कारण ही बीमारी का आ जाना घर में पैसे नहीं ठहरता घर में लड़ाई झगड़ा लगा रहना ऐसे तमाम तरह के समस्याएं लगी रहती हैं इन्हीं को दूर करने के लिए हम आपके लिए प्रेत बाधा निवारण हनुमान मंत्र लाए हैं जो बेहद ही शक्तिशाली है इसको सिद्ध कर लेने के बाद आप प्रेत बाधा जैसी नेगेटिव शक्तियों को आसानी से दूर कर सकेंगे और खुद को इनसे बचा सकेंगे और दूसरों को भी बचा सकेंगे चलिए जानते हैं महा शक्तिशाली बाधा निवारण हनुमान मंत्र क्या है और इसको कैसे जाप करना है विधि तरीका सब कुछ।
मंत्र को जानने से पहले यह जानना बेहद ही जरूरी है कि हर एक मंत्र का अपना अलग-अलग नियम कानून होता है इसलिए आप अलग-अलग मंत्रो के अलग-अलग नियम विधि बताएं जा रहे हैं और आप उन्हें विधि अनुसार मंत्र का जाप करें तभी इसका लाभ आपको प्राप्त होगा।
5 शक्तिशाली प्रेत बाधा निवारण हनुमान मंत्र
प्रेत बाधा जैसी नेगेटिव शक्तियों को दूर करने के लिए आप इस शक्तिशाली प्रेत बाधा निवारण हनुमान मंत्र के द्वारा आप किसी के भी ऊपर से प्रेत बाधा को दूर कर सकेंगे मंत्र यहां पर 5 प्रकार के बताए जा रहे हैं जो व्यक्ति प्रभावशाली और छोटे होंगे ताकि आप अच्छे से उसे याद कर लें और आपको किसी भी प्रकार की समस्या ना हो और इसका आप जल्दी से उपयोग कर सकें मंत्र कुछ इस प्रकार है
प्रेत बाधा-निवारक हनुमान मंत्र
ॐ दक्षिण-मुखाय पशञ्च-मुख-हनुमते कराल-वदनाय नारसिंहाय ॐ हां हीं हूं हों हः सकलभूत- प्रेतदमनाय स्वाहा।
उक्त मंत्र को कम-से-कम दस हजार जप कर सिद्ध कर ले, मन्त्रजप के बाद अष्टगन्ध से हवन करना चाहिये। तब प्रयोग करना चाहिये।
भूत-प्रेत बाधा दूर करने हनुमान मंत्र
बाँधो भूत। जहाँ तु उपजी छाड़ी, गिरे पर्वत चढ़ाई। सर्ग दुहेली, सुजभि झिल-मिलाहि। हुड्ढारे हनुवन्त, पचारह भीमा। जारि-जारि-जारि, भस्म करे जौ चापें सींउ।
मंत्र सिद्ध कर प्रयोग करे। इस मंत्र से भूत-प्रेत भाग जाते हैं अथवा भस्म हो जाते हैं।
प्रेत बाधा निवारण हनुमान मंत्र
ओकबनू सुन्दर कहाँ से आया गिर मेरू पर्वत से आया, अंजनी का सुतहनुमंत लाया, प्रेत पिशाच ब्रह्मराक्षस कासा मांदाय, कलली कलल््ली स्वाह।
भूत-प्रेत उतारने का मंत्र
नयन नागरी पाय घाघरी नदी च काना पहुँच रे नागरे मसाना जात नहीं जतन नहीं दैत्य मसान इसी वक्त उतरून जाय ईश्वर गौरा पार्वती महादेव की दुहाई।
सर्वप्रथम उपरोक्त मन्त्र को कण्ठस्थ कर ले। एक ही साँस में जब उपरोक्त मन्त्र को बोल ले तो समझ ले कि मन्त्र सिद्ध हो गया, फिर जब किसी को भूत-प्रेत लगे हों तो उपरोक्त मन्त्र को पढ़कर झाड़ देने से आराम हो जाता है, यह अनुभूत मन्त्र है।
प्रेत बाधा निवारण हनुमान मंत्र
ॐ नमो आदेश गुरु का मन्त्र सांच कंठ कांच दुहाई हनुमान वीर की जो
जावे लंका जारी व लंका मझारी, आन लक्ष्मण वीर की आन माने जाके
तीर की दुहाई मेमना पीर की बादशाह ज्यादा काम में रहे आमदा दुहाई
कालिका माई की घोलागिरि वारी चढ़े सिंह की सवारी जाके लंगूर हैं अगारी, प्याला पिये रक्त की चंडिका भवानी, वेदवानी में बखानी, भूत नाचे बेताल नाचे, राखे अपने भक्त की लाली मैहर वाली काली कलककत्ते वाली हाथ कंचन की थाली लिए ठाढ़ी भक्त बालिका दुष्टन प्रहारी सदा संतन हितकारी उतर भूतराज जल्दी कर नहीं तो खाय तोको कालका माई, उन्हीं की दुहाई भक्त की सहाई। सारे संसारन में माई तेरी ज्योति रही जाग के। पकड़ के पछड़ के मात कर मत अबार कर तेरे हाथ में कृपाण भक्षण कर ले जल्दी आड़ के जाय नाहीं, भूत, पकड़ मार, जाय भूत उतर उतर उतर तो राम की दोहाई। गुरु गोरखनाथ का फंदा करेगा तोय अन्धा फुरो फुरो मन्त्र हुं पट स्वाहा।
जब भूत मनुष्य के ऊपर जोर करे अथवा सिर आये तो उसे उपरोक्त मन्त्र से झारना बहुत ही उपयोगी सिद्ध होता हैँ। चाहे कितना भी प्रबल भूत क्यों न हो, वह तुरन्त भाग जायेगा, फिर कभी उस मनुष्य पर जोर नहीं करेगा। उपरोक्त मन्त्र को पढ़ता हुआ रोगी को सिर से पाँव तक नीम की टहनी से सात बार झारे। ध्यान रहे कि झारने के समय कोई सामने न रहे। शुक्रवार या शनिवार को बड़ा अच्छा काम यह मन्त्र करता हैं। यदि समय न हो तो किसी भी दिन प्रात: या सायं भी झारा जा सकता है। इस मन्त्र को शुद्ध-शुद्ध अच्छी तरह से याद कर लेना चाहिये तथा स्नान करके पवित्र रहकर झारना चाहिये।
भूत-प्रेत झाड़ा मंत्र
ॐ उजियारे देव बल-खण्डिनी भरत जाए, पुत्र वीर नाम घरो। हनुमन्त ताप- तिजारी, तारा बल्लियाँ डङ्कनी-सङ्गुनी, भूत-प्रेत, जिन्द, मसान। छत्तीस हूँ दास, छत्तीस हूँ दास बलाय जाय। चौवटी मूठ उल्टी मारी, सीधी गिरै जर वरे। कर, भस्म बन निवरो, तौम तीन तारी बेल। फुरै जा जरा, ईश्वरा वाचा। मेरे गुरू का मन्त्र साँचा।