मंत्र के द्वारा हर कोई चाहता है कि उसे मंत्र में सिद्धि प्राप्त हो उसे मंत्र से शक्तियां मिले और अपनी इच्छाओं को पूरा कर सके बहुत से लोग अलग-अलग मंत्र का जाप अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए करते हैं और कुछ लोग किसी के कल्याण के लिए मंत्र सिद्धि सीखते हैं कुछ लोग किसी का इलाज करने के लिए मंत्र सिद्ध करते है मंत्र सिद्ध के अलग अलग लक्षण होते हैं तो मैं आपको बताने जा रहा हूं कि मंत्र सिद्ध होने के लक्षण क्या-क्या सिम्टम्स दिखे जाते है
मंत्र सिद्ध होने के लक्षण सामान्य कुछ देखे जाते हैं
मंत्र की सिद्धि हर कोई अलग-अलग कार्य के लिए करता है तो उन लोगों के लिए मंत्र सिद्धि के होने वाले लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं लेकिन अधिकतर मंत्र सिद्धि में होने वाले लक्षण कुछ इस प्रकार सामान्य देखे जा सकते हैं
1.साधक डराने लगता है:
जब मंत्र सिद्ध होने वाला होता है तब मन घबराने लगता है प्यास लगने लगती है मन इधर-उधर भागने लगता है पूरा शरीर ऊर्जा से भरने लगता है अलग-अलग कल्पनाएं शक्तियां उसे दिखाई देने लगती है जिसे साधन देखकर डरने लगता है
2. मन व्याकुल घबराने लगता है:
जब मंत्र सिद्धि की चरम अवस्था पर आता है साधक पूरी तरह कांपने लगती है उसकी सांसे धड़कन बढ़ने लगता है शरीर का रोवा ऊपर उठने लगता है शरीर में दर्द पीड़ा बहुत तेजी से होने लगते हैं ऐसा लगता है कि संसार का पूरा कष्ट उसपर पहाड़ की तरह टूट पड़ा पड़ा है मन इसलिए घबराता है क्योंकि आज से कभी भी साधक को ऐसा अनुभव नहीं किया होता है यह अनुभव साधक को नया और पहली बार होता है इसके कारण साधक पूरी तरह भयभीत हो जाता है
3. मन मंत्र को जपना छोड़ने लगता है:
जब मंत्र सिद्ध होने वाला ही होता है तब शरीर की ऐसी दशा होने लगती है कि मानो संसार का सारी दर्द पीड़ा उसको मिल रही हो इस कारण से मन मंत्र को जपना छोड़ने लगता है
4. मन, शरीर, बुद्धि, इंद्रियां साधक का साथ छोड़ने लगाते है:
मंत्र लगातार जाप करते-करते जब मंत्र सिद्धि की चरम अवस्था आती है तब शरीर मन बुद्धि और इंद्रियों की ऐसी दशा होती है मंत्र जपने वाला ध्यान से उठके भगाने के लिए विवश होने लगता हैं इस समय साधक को बड़ा ध्यान देना होता है इस समय गलती होने पर कई महीना और हफ्तों की सारी परिश्रम व्यर्थ हो सकती है इस समय जितना हो सके साधक को अपने मन को समझाते हुए ध्यान और मंत्र जाप करते रहना है अन्यथा जब शरीर की एसी दशा होती है तो मंत्र जाप करना टूट सकता है इसमें कुछ ही लोग कामयाब होते हैं इन्हीं सब कारणों की वजह से। मंत्र सिद्धि हर कोई नहीं कर पाता।
5. शरीर तेजी से कंपन के साथ:
जब मंत्र सिद्ध होने ही वाला होता है तब शरीर तेजी से कंपन करने लगती है और साधक अपने आप हिलने ढूंढने लगता है और कुछ ही सैकड़ो में मंत्र सिद्धि हो जाता है उसके बाद व्यक्ति को ऐसी आनंद की अनुभूति होती है जिसकी कल्पना करना असंभव है दिमाग में विचार आने सभी एकाएक रुक जाते हैं साधक ध्यान की गहराई में चला जाता है जहां पर उसे बाहर की कोई आवाज़ सुनाई नहीं देती है वहां पर केवल शांति होती है ध्यान रहे हर मंत्र के साथ अलग-अलग अनुभव होते हैं आप किसी इष्ट देव का मंत्र जाप कर रहे होते हैं तब मंत्र सिद्ध होने पर आप सीधा एकाएक प्रभु के दर्शन करते हैं और वे खुश होकर आपको कुछ शक्तियां देते हैं जिससे आप लोगों का कल्याण करते है जिससे लोग सिद्धि शक्तियां कहते हैं ये कुछ मंत्र सिद्धि होने वाले लक्षण और उसके फायदे देखे जाते है।