प्राणायाम योग करने से व्यक्ति को अंदरूनी और शारीरिक मानसिक रूप से लाभ प्राप्त होता है अष्टांग योग में प्राणायाम का बेहद खास अंग प्राणायाम को माना जाता है क्योंकि आठ अंकों का अष्टांग योग केवल प्राणायाम ही ऐसा अंग है जिसके द्वारा साधक को शरीर के भीतर अंदरुनी ऊर्जा प्राप्त होती है प्राणायाम करने से शारीरिक और आध्यात्मिक दोनों लाभ प्राप्त होता है इसीलिए अष्टांग योग में प्राणायाम का बेहद खास स्थान है हमारे योग ग्रंथो में प्राणायाम के इतने सारे लाभ बताए गए हैं हम आपको इसके सभी लाभ के बारे में चर्चा करेंगे। प्राणायाम करने के लाभ - photo: istock
प्राणायाम करने के 20 फायदे जाने।
1.तनाव कम करने में मदत करता है
प्राणायाम करने से मानसिक तनाव में रहता मिलता है प्राणायाम करने से ऑक्सीजन पूरे शरीर में जाने से अच्छे मात्रा में ब्लड और ऑक्सीजन मस्तिष्क में पहुंचता है जिससे व्यक्ति को तनाव में रहता मिलता है
2.शरीर की उम्र बड़ाने में लाभ करता है
योग ग्रंथ में साफ लिखा है कि प्रतिदिन प्राणायाम करने से व्यक्ति की आयु लंबी होती है जिस व्यक्ति अधिक वर्षों तक सामान्य मनुष्य से अधिक जीवन जीता है और उसे किसी प्रकार की बीमारी नहीं होती है।
3. फेफड़े को शुद्ध वह साफ करता है
जब सास को अंदर बाहर किया जाता है तब व्यक्ति का फेफड़ा फूलता सिकुड़ता है जिससे फेफड़ों में ऑक्सीजन अच्छे मात्रा में जाती है जिसके कारण फेफड़ा शुद्ध हो जाता है और फेफड़ा स्वस्थ होता चला जाता है
4. शरीर की इम्युनिटी सिस्टम को ठीक करता है
प्रतिदिन प्राणायाम करने से व्यक्ति के शरीर में इम्यूनिटी सिस्टम बूस्ट और मजबूत होता चला जाता है व्यक्ति को किसी भी प्रकार की बीमारी रोग उसे छू नहीं पता और व्यक्ति हमेशा रोग बीमारियों से दूर रहता है और उसे अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त होता है
5. ब्लड को साफ करता है
एक सामान्य मनुष्य के शरीर में उन धमनियों में कहीं गंदे खून तो कहीं गंदे विषैला बैक्टीरिया होते हैं जब प्राणायाम किया जाता है तब ऑक्सीजन के दबाव के कारण सारे बैक्टीरिया वायरस खून में मिले हुए गंदे नवाज सब शुद्ध वह साफ हो जाते हैं
6.कमजोरी थकान दूर होता है
आधे घंटा प्राणायाम करने से शरीर का विकास दर तेजी से होने लगता है जिससे कमजोरी थकान सभी प्रकार की समस्या शरीर से दूर होने लगती है और व्यक्ति को ऊर्जा की अनुभूति होती है और व्यक्ति के शरीर में ताकत आने लगता है
7. घबराहट बैचेनी खत्म होता है
कुछ लोगों के शरीर में विकास दर रुक जाता है जिसके कारण उनको घबराहट बेचैनी थकान महसूस होता है लेकिन जब प्राणायाम किया जाता है तब यह सारी समस्या खत्म होने लगती है और व्यक्ति घबराहट बेचैनी थकान सब खत्म हो जाता है
8. शरीर में अंदरूनी ऊर्जा का विकास होता है
जब प्राणायाम 1 से 2 घंटे लगातार किया जाए तो शरीर में अधिक तेजमय ऊर्जा का संचालन होने लगता है शरीर के भीतर ऊर्जा का अनुभव होता है जब ऐसा होता है तब सर्दी गर्मी चाहे जैसा भी मौसम हो व्यक्ति को सब सामान लगने लगता है इस ऊर्जा को केवल उन्हीं लोग महसूस कर सकते हैं जो प्राणायाम को सही से करते हो तथा 100% अच्छे से करें तोही।
9. शरीर में ब्लड प्रेशर को ठीक करता है
खींची हुई वायु को शरीर के भीतर कुछ देर के लिए रोका जाता है फिर रुकी हुई वायु को फिर बाहर छोड़ जाता है फिर कुछ देर के लिए रोका जाता है ऐसा करने से ऑक्सीजन खून के साथ मिलकर पूरे शरीर में संचालन करने लगता है जिससे ब्लड प्रेशर ठीक हो जाता है और व्यक्ति को स्वास्थ्य में आराम मिलता है
10.मन को काबू में करता है
हठयोगी में बताया गया है कि जब साधक प्राणायाम को सही तरीके से करता है तब व्यक्ति का मन उसके काबू में आने लगता है और इंद्रिया शांत होने लगती है यह तभी होता है जब प्राणायाम को एक से दो घंटे लगातार विधि अनुसार किया जाए।
11. व्यक्ति का चित्त शांत होता है
प्राणायाम को विधि अनुसार करने से व्यक्ति का चित्त धीरे-धीरे शांत होने लगता है हठयोगी में इसका वर्णन महर्षि पतंजलि करते हैं कि जब साधक प्राणायाम के उच्च स्तर तक जाने लगता है तब साधक का चित्त शांत हो जाता है
12. आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होता है
प्रतिदिन प्राणायाम करने से व्यक्ति अध्यात्म की ओर धीरे-धीरे जाने लगता है क्योंकि प्राणायाम करने से व्यक्ति का मन शांत स्थिर होने लगता है और साधक ज्ञान के गहराई में जाने लगता है और अंत में साधक ज्ञान के गहराई में चला जाता है और उसे समाधि की प्राप्ति हो जाती है
13. ध्यान लगाने में लाभ प्राप्त होता है
जब साधक सुख आसन में बैठकर प्राणायाम लगातार 1 से 2 घंटे विधि अनुसार करता रहता है तब साधक का चित्त धीरे-धीरे शांत होने लगता है और व्यक्ति ध्यान की गहराई में जाने लगता है
14. शरीर की इंद्रिया कंट्रोल में आ जाती है
प्राणायाम का योग सूत्र में बेहद खास माना गया है क्योंकि जब साधक आसन में बैठकर प्राणायाम करके उस उच्च अवस्था में जाने लगता है तब साधक की इंद्रियां का चित्त मन सभी कंट्रोल में आ जाते हैं और साधक ध्यान के गहराई में चला जाता है
15.मन में विचार आने बंद हो जाते है
जब प्राणायाम को विधि अनुसार किया जाता है तब साधक प्राणायाम के द्वारा ध्यान की गहराई में जाने लगता है जहां पर दिमाग में आ रहे विचार आने बंद हो जाते हैं और साधक को विचार किसी प्रकार का बाधा नहीं देते हैं और साधन ध्यान लगा पता है
16. वीर्य की मात्र तेजी से बनाने लगता है
प्राणायाम प्रतिदिन करने से शरीर की विकास दर बहुत तेजी से होने लगता है जिसके कारण शरीर में वीर्य की मात्रा अत्यधिक तेजी से ग्रोथ होने लगती है और व्यक्ति के शरीर में ऊर्जा का संचालन होने लगता है व्यक्ति को ताकत एनर्जी साहस उमंग जैसा महसूस होने लगता है।
17. अंदरूनी ताकत मिलता है
प्राणायाम करने से धीरे-धीरे शरीर में इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत होने लगता है शरीर का विकास दर बढ़ने लगता है जिससे शरीर के भीतर अंदरूनी ताकत महसूस होने लगता है और व्यक्ति अंदरुनी रूप से ताकतवर बन जाता है
18.बीमारियो से लड़ने में सहायक होता है
जो व्यक्ति अपने जीवन में प्राणायाम को करता है तो उस व्यक्ति को कभी भी बीमारियां छू नहीं सकती हैं क्योंकि प्राणायाम योग ऐसी क्रिया है जिससे शरीर की सारी बीमारियां दूर भागती हैं और व्यक्ति रोग मुक्त हो जाता है
19.शरीर की रुकी हुई नाड़ी खुल जाता है
प्राणायाम करने से स्वास के दबाव और प्रेशर के कारण शरीर में फैली हुई सभी नदियां धीरे-धीरे खुल जाती हैं और अच्छे से काम करने लगते हैं जिससे व्यक्ति को स्वास्थ्य प्राप्त होता है
20. शरीर को स्वास्थ्य में लाभ मिलता है
योग में प्राणायाम को शरीर को स्वस्थ बनाने के लिए ही बनाया गया है क्योंकि केवल यही एक योग क्रिया है जिससे शरीर को हर प्रकार से शरीर को लाभ होता है जिससे शरीर की आयु लंबी होती है तो शरीर की इम्यूनिटी सिस्टम बूस्ट होती है तो बीमारियां व्यक्ति से दूर भागती हैं यह सारी खूबियां प्राणायाम में मौजूद है जिससे व्यक्ति को शारीरिक स्वास्थ्य मिलता है