सूखा रोग जिसे पीलिया के नाम से भी जानते है यह जिसे भी हो जाता है उसे ठीक करना मुश्किल हो जाता है और लोग बहुत परेशान हो जाते है जब दवाइयां काम में नहीं आती है तब मंत्रों का सहारा बचता है इसी लिए आपके के लिए सुखा रोग के निवृत्ति के लिए ऐसे खास मंत्र लाए है जिसे झाड़ने से सुखा रोग कुछ समय में जड़ से खत्म हो जाता है चलाए वह मंत्र जानते है।


पीलिया सुखड़ा( सुखा) रोग-झाड़ने का मंत्र

मंत्र है: 

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ॐ नमो वीर वेताल असुराल नाहरसिंह देव जी। खादी (स्वादी) तुखादी (तुषादि-तुपादि) सुभाल तुभाल। पीलिया को काढ़े, झारे पीलिया। रहे न नेक निशान, जो रह जाय तो हनुमान की आन। शब्द साँचा, पिण्ड काँचा। स्फुरो मन्त्र ईश्वरो दाचा।


विधि प्रयोग: 


पहले शाबर-विधि से मंत्र सिद्ध करे। फिर एक कांस्य पात्र में सरसों का तेल रखकर उसको यथा-मति अभि मन्त्रित करे। इस अभि मन्त्रित तेल को रोगी के मस्तक के ऊपर या कपाल के ऊपर मले। ऐसा 17 दिनों तक करे। पीलिया का कष्ट कम हो जायेगा। रोगी धीरे-धीरे स्वस्थ हो जायेगा। किसी बच्चे को यदि सूखा रोगा हुआ है


ऐसा लगे तो साधक मकोय के पत्ते अपने मुंह में चबाकर रोगी बच्चे की पीठ के ऊपर पहनाये हुए वस्त्र को हटाकर पीठ के ऊपर थूक दे और अपने हाथ से मसल दे। थोड़ी देर के बाद रोगी बच्चे की पीठ में भूरे रज्ग के छोटे-छोटे कीड़े देखने में आते हैं, उन्हें निकाल दे। यह प्रयोग रवि और मंगलवार को करे।