संसार के प्रत्येक व्यक्ति की इच्छा कामना या कोई विशेष कार्य होता है जिसे करने में उसे समस्याएं आती हैं या वह कार्य पूर्ति नहीं हो पाता जिसके कारण आप परेशान रहते हैं इन्हीं सब परेशानियों को दूर करने के लिए हम आपके लिए ऐसे इच्छापूर्ति, मनोकामना, पूर्ति कार्य सिद्धि, मनोवांछित पूर्ति शाबर मंत्र लाए हैं


जिसके द्वारा आप अपनी समस्याओं को आसानी से दूर कर सकते हैं यह साबर मंत्र संसार के छोटे-बड़े कार्य जो मनुष्य द्वारा नहीं हो पाते है उन्हें सब को करने के लिए हिंदू धर्म ग्रंथ में मंत्रो के द्वारा पूरा किया जाता है क्योंकि हर एक कार्य मनुष्य नहीं कर सकते हैं 


इसीलिए मंत्रो को सहारा लेकर इन कार्यों को किया जाता है आज आप यही सीखेंगे की कैसे आप अपने सभी इच्छाओं कामनाओं कार्यों को इन 20 मंत्रो से कैसे दूर कर सकते हैं आप इन मंत्रों को विधि अनुसार जप करके इनका प्रयोग कर सकते हैं हम यह मंत्र सरल और बोलने लायक लाए हैं 


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जिससे आपको किसी प्रकार की समस्या ना हो और आप आसानी से इन्हें याद कर सके और बोल सके जिससे आपको किसी प्रकार की समस्या ना हो और आप अपने सभी इच्छाओं कामनाओं को पूरा कर सके चलिए मंत्र जानते हैं।


इच्छा ,मनोकामना, मनोवांछित कार्य , सर्व कार्य सिद्धि पूर्ति शाबर 20 मंत्र


हर एक प्राणी की अपनी अलग-अलग प्रकार की इच्छाएं कामनाएं कार्य होते हैं जिसे लोग पूरा करना चाहते हैं लेकिन पूरा नहीं हो पाता है इसीलिए वे परेशान होकर मंत्रो की और बढ़ते हैं और मंत्रो से पूरा करने की कोशिश करते हैं 


इसमें उन्हें भगवान शिव के द्वारा उत्पन्न शाबर मत्रों के द्वारा व्यक्ति अपने सभी इच्छाओं कामनाओं और मनोवांछित कार्यों को पूरा करने के लिए साबर मंत्र का प्रयोग करके पूरा करता है 


आज आप इसी मंत्र को पढ़ेंगे और अपने सभी इच्छाओं को कार्यों को इस मंत्र के द्वारा पूर्ति करेंगे मंत्र बेहद ही गोपनीय और शक्तिशाली है इस मंत्र का पाठ आप विधि अनुसार बताएं गए नियम से अवश्य करें। जिससे आपको इसका फल तुरंत मिल सके।


आवश्यक बाते... मंत्र में शक्तियां कार्य करती हैं इसलिए इसे खिलवाड़ या विधि अनुसार न करने और इसका गलत प्रयोग करने से आपके ऊपर इसका बुरा प्रभाव पड़ सकता है इसलिए जो मंत्र सिद्ध करने वाले हैं उस मत्रों को किसी गुरु के आश्रय में करें नहीं तो इसके जिम्मेदार आ स्वम होंगे इसका आप विशेष से ध्यान रखें। Be care .


सर्व कार्य सिद्धि मंत्र


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ॐ हीं नमः।


इस मंत्र का हर समय जप करते रहने से समस्त कामना पूरी हो जाती हैं। वह जीवन में जिस प्रकार से चाहता है, उसी प्रकार से कार्य हो जाता हैं।


सर्व मनोकामना सिद्धि मंत्र


ॐ पर मन्त्र पर यंत्र बन्धय-बन्ध्य मां रक्ष रक्ष हूं हूं हूं स्वाहा।

 

ॐ ठं ठ: परकृतान बन्धय-बन्धय छेदय छेदय स्वाहा।


ॐ क्रौं हाँ वेरिकृत विकृतं नाशय नाशय उलटवबेधं कुरु-कुरु स्वाहा।


ॐ परकृतमभिचारं घातय-घातय ठ: ठः स्वाहा हुं।


ॐ नमो हों पर विद्यां छिन्धि छिन्धि स्वाहा।


ॐ शत्रु कृतान मन्त्र यंत्र तंत्रानू नाशय-नाशय उद्बन्धय उद्बन्धय स्वाहा।

 

ॐ नमः परमात्मने सर्वात्मिने सर्वतों मां रक्ष-रक्ष स्वाहा।


ॐ ॐ ॐ हुं हुं हुं अरिणा यत्कृतं कर्म तत्तस्यैव भवतु इति रुद्राज्ञापयति स्वाहा फट्‌।


उपरोक्त आंठो मंत्र क्रमबद्ध दिये गये हैं। ये सिद्ध मंत्र हैं। जिन लोगों का कार्य। नहीं चलता, नित्य परेशानियों का सामना करना पड़ता हो, व्यापार में रुकावट आ गयी हो, शत्रुओं से सदा आशंका बनी रहती हैं 


कि पता नहीं, कब कौन शत्रु हमारा बुरा कर बेठे आदि-आदि। इन तमाम परेशानियों से मुक्ति दिलाने में ये मन्त्र परम लाभकारी हैं। जो भी व्यक्ति इन मन्त्रों का 21-21 बार जप नियमित श्रद्धा एवं भक्तिपूर्वक करते हैं उनकी समस्त परेशानियाँ कुछ ही दिनों के जप के पश्चात्‌ दूर हो जाती हैं। मंत्र का जप प्रात:काल स्नान के बाद एकांत कक्ष में बैठकर करना चाहिए।


इच्छा पूर्ति मंत्र इन हिंदी


काम: कामप्रद: कान्त: कामपालस्तथा हरि: आनन्दों माधवश्चैव कामसं-सिद्धये जपेत्‌।

 

अभीष्ट कामना की सिद्धि के लिए उपरोक्त मन्त्र का नियमित 108 बार जप करना चाहिए। 21 दिनों के पश्चात्‌ लाभ नजर आने लगेगा; परन्तु जप एकाग्रचित होकर नहीं करने पर कोई भी लाभ प्राप्त नहीं होगा।


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इच्छा पूर्ति मंत्र



हीं मातसे मनसे ॐ ॐ।


इस मन्त्र का दीपावली की रात्रि को दस हजार जप करने से इच्छा पूरी होती हैं और साधक जो भी चाहता हैं, वह कार्य सिद्ध हो जाता हैं।



कामना पूर्ति मंत्र


ॐ हर त्रिपुर हर भवानी बाला राजा मोहिनी सर्व शत्रु। विध्वंसिनी मम चिन्तित फलं देहि देहि भुवनेश्वरी स्वाहा ॥

 

नवरात्र अथवा गुरु-पुष्ययोग अथवा दीपावली, दशहरा, ग्रहण सिद्धयोग जैसे किसी शुभ अवसर पर देवी दुर्गाजी की पूजा करके इस मन्त्र का नियमित रूप से एक माला जप करें। 


यह उनके भुवनेश्वरी रूप का मन्त्र है। इस मन्त्र का 108 बार नियमित जप (हो सके तो अधिक भी) करते रहने से साधक की सभी सदिच्छाएँ पूरी हो जाती हैं।


इच्छा पूर्ति गोरख शाबर मंत्र


मखनी हाथई जई अंबरी उस पर बैठी कमालखां की सवारी कमाल खां मुगल पठान बैठे चबूतरे पढ़े कुरान हजार काम दुनिया के करे एक काम मेरा मीन करे तो तीन लाख तैंतीस हजार पैगम्बरों की दुहाई।


यह शाबर मन्त्र स्वत:सिद्ध और अति प्रभावशाली है। इस मन्त्र को जितना ज्यादा प्रतिदिन जपा जायेगा, उतना ही अधिक लाभ मिलेगा।


इच्छा पूर्ति शाबर मंत्र 


ॐ वाडः-मायाये नमः।


कुशा की जड़ पर बैठकर उक्त मंत्र का जप करें तो सम्पूर्ण कार्य सिद्ध होगा।


मनोकामना पूर्ति मंत्र


ॐ नमो भगवती रक्तपीठ॑ नमः।

 

नवरात्रि या किसी शुभ मुहूर्त्त में थोड़ा-सा नया लाल रंग का कपड़ा लाकर उस पर माला फेरते हुए प्रतिदिन उपरोक्त मंत्र का दस माला या 1008 मंत्र जपते रहे। 7 दिनों तक यह साधना पूर्ण संयम और ब्रह्मचर्य से करें। 


जप पूर्ण हो जाने पर 108 आहुतियों से उक्त मंत्र द्वारा हवन करें और किसी भी एक ब्राह्मण को भोजन कराकर दक्षिणा दें। इसके पश्चात्‌ उस लाल कपड़े को तह करके किसी स्थान पर सुरक्षित रख दें और दैनिक-पूजा के समय एक माला या 108 मंत्र उस पर जपते रहें। 


साथ ही कपड़े को प्रतिदिन मस्तक और हृदय से लगायें। देवी की कृपा से साधक की समस्त सात्विक कामनाऐ पूर्ण होंगी।


सर्व कामना पूर्ति मंत्र


ॐ हीं श्रीं अ्ह असि आउसा नमः।

 

इस मंत्र का प्रतिदिन 108 बार जप करने से कल्पवृक्ष के समान यह मनुष्य की समस्त कमनाए पूरी करता है। यह जप प्रात:काल स्नान के बाद एकांत कमरे में एकाग्रचित होकर किया जाता है। 84 दिन के पश्चात्‌ लाभ दृष्टिगोचर होने लगता हैं।



मनोवांछित कार्यसिद्धि मंत्र 


ॐ हां हीं हूं हों हः असि आ उ सा स्वाहा।

इसका 1,24,000 जप करने से मनोवांछित कार्य पूर्ण होता हैं। किसी शुभ मुहूर्त में ही इस मंत्र का जप प्रारम्भ करना चाहिए। वैसे तो प्रतिदिन 108 मंत्र का जप करना आवश्यक होता है परन्तु साधक अपनी सुविधा के अनुसार इसमें वृद्धि भी कर सकते हैं।


सर्व कामना पूर्ति मंत्र 


ॐ थीं श्रीं डीं क्लीं।


किसी शुभ दिन इस मंत्र का जप अनुष्ठान प्रारम्भ करना चाहिए। प्रात:काल स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण कर एकांत कमरे में प्रतिदिन 108 मंत्र का जप करना चाहिए। 90 दिनों तक जप करने के पश्चात्‌ मंत्र सिद्ध हो जाता है।

मंत्र सिद्ध हो जाने के पश्चात्‌ हर तरह की मनोकामनाऐ पूर्ण होती हैं। साधक को मंत्र सिद्ध हो जाने के बाद भी इस मंत्र का नियमित 21 बार जप करते रहना चाहिए।


मन वांछित कामना पूर्ति मंत्र


ॐ श्रीं कलीं मम सर्व वांछितं देहि देहि स्वाहा।


उपरोक्त मन्त्र का नियमित 108 बार जप करना चाहिए। जप प्रारम्भ स्नानादि के बाद प्रातःकाल करना चहिए। 121 दिनों तक नियमित जप करते रहने के पश्चात्‌ ही मन्त्र सिद्ध होता है। किसी भी साधना के लिए जो प्रक्रिया अपनायी जाती है, वही प्रक्रिया इसमें भी अपनायी जानी चाहिए।



मनोकामना पूर्ति करने वाला मंत्र


ॐ गुरू जी ! जल तू, जलाल तू। तू कातिर, तू कुबनी। साहब करके कमाल, तू मुश्किल के वक्त को सँभाल। आई बला को टाल, तू जो 'अमुक' काम करे, वो ही सतगुरू हमारा। पिण्ड काचा, शब्द साँचा। फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा। मेरे गुरू का शब्द साँचा। देखूँ सिद्ध गुरू गोरख ! तेरी शक्ति का तमाशा।


3 दिनों तक व्रत रखें। केवल चाय-दूध ही लें। 1000 प्रतिदिन रात्रि में उक्त मन्त्र को एक हजार जपें। “अमुक काम करे” के स्थान पर किसी अच्छे कार्य की कामना करें। बुरे काम की कामना कदापि न करे