पढ़ाई में मन क्यों नहीं लगता यह प्रश्न बेहद ही गंभीर और जीवन को बदल देने वाला है क्योंकि पढ़ाई में मन किसी का भी नहीं लगता है यह समस्या सबको परेशान करती है पढ़ाई में मन क्यों नहीं लगता। इसका एक बहुत बड़ा कारण व्यक्ति के शरीर में छुपा हुआ मन केवल पढ़ाई में ही नहीं बल्कि प्रत्येक काम में नहीं लगता है क्योंकि मन उस काम में लगता है जिससे शरीर को आनंद मिलता है और जो शरीर का भोग है उसी तरफ मन व्यक्ति का लगता है इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति पढ़ाई में मन लगाना चाहे या कोई बिजनेस करना चाहे तो मन कभी भी उस काम में नहीं लगेगा ऐसा होने का एक विशेष कारण है जो आप आज जानेंगे इसके बाद आप आसानी से समझ पाएंगे कि क्यों किसी भी व्यक्ति का मन पढ़ाई में नहीं लगता है पढ़ाई में मन लगने का कारण क्या है चलिए जानते हैं


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पढ़ाई में मन क्यों नहीं लगता है

पढ़ाई में मन न लगने का कारण है मन की चंचलता और इंद्रियों के भोगों की ओर भगाने की मन की लत के कारण ही मन पढ़ाई में नहीं लगता है मन केवल शरीर के भोग जैसे अच्छे दृश्य देखना, मूवी देखना ,फिल्में गेम देखना ,अच्छे वस्त्र देखना , अच्छे भोजन करना ,डांस करना, अच्छे-अच्छे गाने को सुनना और दृश्य को देखना जैसे इंद्रियों के यह सब भोग हैं और यह मन उन्हीं की ओर व्यक्ति को 24 घंटे उसी में दौड़ाता रहता है जब इंद्रियों से हटके आप पढ़ाई में मन लगाना चाहते हैं तब मन उस इंद्रियों के भोगों को छोड़कर आपकी बात को नहीं मानता और वह पढ़ाई से दूर भाग कर केवल इन्हीं सब गलत आदतों इंद्रियों के भागों की ओर आपको बार-बार ले जाता है क्योंकि श्रीमद् भागवत गीता में भगवान श्री कृष्ण कहते हैं मन अति चंचल है और इसका स्वभाव है की शरीर को भोगों की और दौड़ना उसी की ओर ले जाना वह आत्मा अर्थात आपकी बात को नहीं मानता है वह केवल इंद्रियों के भोगों की ओर दौड़ता है इसी कारण व्यक्ति का मन कभी भी पढ़ाई में नहीं लग पाता है

पढ़ाई में मन नहीं लगता है तो इसमें आपकी भी गलती नहीं है इसमें पूरा गलती आपकी मन की होती है क्योंकि मन आपका सबसे बड़ा शत्रु दुश्मन होता है आपका मन आपके साथ एक दुश्मन से भी दुश्मन जैसा व्यवहार करता है वह आपको उस हाल में ले जाता है जहां से आपको निकालना मुश्किल हो जाता है आपका पूरा जीवन नर्क बना देता है मन व्यक्ति का सबसे बड़ा दुश्मन होता है इसी के कारण आपका मन नहीं लगता है लेकिन जब आप मन को अपना गुलाम बना लेंगे तभी मन आपका साथ देगा और आपका बड़ा मित्र होगा तभी आप पढ़ाई में मन को लगा सकते हैं अन्यथा कभी भी नहीं।


पढ़ाई में मन न लगने का कारण

पढ़ाई में मन ना लगने का कारण मन की इंद्रियों की ओर भागने का स्वभाव ही उसे चंचल बनता है जिसके कारण व्यक्ति का मन पढ़ाई में नहीं लगता था और यह समस्या प्रत्येक व्यक्ति को होती है क्योंकि मन प्रत्येक व्यक्ति में होता है और मन का स्वभाव केवल एक ही है चंचलता के कारण ही मन पढ़ाई में नहीं लगता।


आपका मन पढ़ाई में नहीं लगता है इसमें आपकी कोई गलती नहीं है पूरा खेल केवल मन के शरारत और इंद्रियों के पीछे भागने के कारण होती है और किसी को यह पता भी नहीं चलता कि ऐसा क्यों हो रहा है क्योंकि इस पूरे प्रकृति को चलने का काम माया करती है जिसके कारण यह पूरा संसार चलता है पढ़ाई में मन ना लगने का यही प्रमुख कारण होता है

मेन मुद्दा

पढ़ाई में मन का ना लगने का में जो मुद्दा है वह है की मन अति चंचल है और आपके कंट्रोल में मन के न होने से मन आपके साथ एक दुश्मन जैसा व्यवहार करता है वह आपकी बात को नहीं मानता है और आपको गलत आदतों गलत कार्यों में लगाए रहता है और वहां से आपको कभी भी आने नहीं देता है वह उन्हें सब गलत आदतों में आपको लगाए रहता है जब आप पढ़ाई करने के लिए मन को कहते हैं तब मन आपकी बात को न मानकर केवल उन्हें सब में लगा रहता है बस यही में वजह है पढ़ाई में मन ना लगने का।


पढ़ाई में मन लगाने का तरीका


अब बात आती है की पढ़ाई में मन को कैसे लगाया जाए तो इसके लिए आपको पढ़ाई में मन लगाने के लिए इन नियमों को आपको मानना होगा और दृढ़ता से पालन करना होगा तभी आप पढ़ाई में मन को लगा सकते हैं क्योंकि मन ही आपका दुश्मन और मित्र है और आपको ना चाहते हुए भी मन के साथ ही काम करना होता है आप उसे अपने शरीर से निकाल भी नहीं सकते आपको उसी के साथ कार्य करना पड़ेगा।

दृण संकल्प 


जब आप पढ़ाई करने के लिए बैठे तब खुद से दृढ़ संकल्प करने करे पढ़ाई करते समय पढ़ाई में उठूंगा नहीं पढ़ाई में मन को लगा कर रहूंगा चाहे कुछ भी हो जाए मैं आज दिनभर पढ़ाई करूंगा पढ़ाई से भागूंगा नहीं चाहे कुछ भी हो जाए कुछ इस प्रकार दृढ़ संकल्प करके आप पढ़ाई करने के लिए बैठे क्योंकि जब आप पढ़ाई करने के लिए दृढ़ संकल्प कर लेते हैं तब पढ़ाई में मन लगाने में आपको बड़ी आसानी होती है अन्यथा बिना दृढ़ संकल्प लगाए पढ़ाई करने में बैठेंगे तो कुछ ही समय में मन आपको भटका देगा और आप पढ़ाई करने से उठ जाएंगे और आपका मन पढ़ाई में नहीं लगेगा इसलिए पढ़ाई करने के लिए दृढ़ संकल्प का होना अति आवश्यक है।


अभ्यास ( Prectice )


पढ़ाई में मन को लगाने के लिए पढ़ाई में सफलता प्राप्त करने के लिए आपको अभ्यास अर्थात Prectice की आवश्यकता पड़ेगी बिना अभ्यास के संसार के किसी भी काम को नहीं किया जा सकता ना ही मन को ही कंट्रोल किया जा सकता है इसलिए अभ्यास के माध्यम से ही मन को कंट्रोल किया जाता है और आज आप अभ्यास की सहायता से ही मन को कंट्रोल करेंगे और पढ़ाई में मन को लगाएंगे कुछ इस प्रकार


आप पढ़ाई करने के लिए किसी कमरे में जहां पर शोर गुल ना हो और किसी भी प्रकार की आपको पढ़ाई करते समय समस्या ना आए ऐसा स्थान पर पढ़ाई करने के लिए बैठ जाना है और अपनी बुक को निकाले और उसे पढ़ने समझने के लिए प्रयास करना शुरू कर दें आप जब बुक पढ़ेंगे सवालों को करेंगे तब आपका मन वहां से भाग कर मोबाइल चलाने रील देखने गेम देखने घूमने की ओर भागेगा लेकिन आपको वहां से मन को हटाकर केवल बस पढ़ाई में लगाना है सवाल को लगाना है ऐसा आपको बार-बार कम से कम 2 घंटे तक लगातार करना पड़ेगा उसके बाद आपका मन पढ़ाई में लग जाएगा क्योंकि मन को कंट्रोल करने का जो समय औसत है वह 2 घंटे का होता है

पढ़ाई करते समय आपको लगातार 2 घंटे तक बार-बार पढ़ाई में मन को लगाना पड़ेगा चाहे बुक पढ़ना सवाल आपको लगाना आता हो या नहीं आता हो आपको बार-बार उसे लगाते रहना है पढ़ते रहना है आपको पढ़ाई से किसी भी परिस्थिति में उठाना नहीं है नहीं कि आप कुछ समय बाद पढ़ाई को छोड़कर भाग जाए क्योंकि 2 घंटे तक आपका मन लगेगा ही नहीं पढ़ाई में वह अन्य कामों की ओर ही भागेगा आपको भगाने का प्रयास करेगा ऐसा न सोचें कि मन नहीं लग रहा है तो मैं नहीं पढ़ूंगा क्योंकि आप मन को ही कंट्रोल कर रहे हैं इसीलिए अभ्यास लगातार करते रहे।
 

पढ़ाई में मन लग जाने के बाद लक्षण आपने कुछ इस प्रकार दिखाई देंगे पढ़ाई में मन लगने के बाद आपको समय का भान ही नहीं रहेगा केवल दिमाग में पढ़ाई के ही विचार आएंगे और आपको बहुत पढ़ाई करने में आनंद खुशी मिलने लगेगी और आप दो महीने की किताब को कुछ ही दिनों में कंप्लीट करने के विचार आएंगे और आप एक वर्ष के कोर्स को आप कुछ ही दिनों महीना में पूरा करने की अपने क्षमता आने लगेगी ऐसा लक्षण दिखे तो आपका मन आप ही कंट्रोल में आ चुका है क्योंकि आपका मन पढ़ाई में लग चुका है



हार नहीं माने


जब आप पढ़ाई कर रहे होंगे तब आपका मन आपको पूरा फोर्स करेगा कि आप पढ़ाई से उठकर मोबाइल चलाएं गेम खेलें घूमे फिरे पढ़ाई को छोड़कर कोई भी काम करें ऐसा करने के लिए आपके मन पूरा प्रयास करेगा वह शरीर में बिना कारण ही दर्द घबराहट बेचैनी सर दर्द जैसे लक्षण भी दिखाएगा आपके साथ अनेकों प्रकार की घटनाएं केवल बैठे-बैठे होने लगेगी तब आप घबराकर पढ़ाई से उठने की नौबत आप में आ जाएगी उस समय आप पढ़ाई करते समय हर नहीं मानना है और पढ़ाई करते रहना है और पढ़ाई से उठना नहीं है अन्यथा पढ़ाई से उठ जाने के बाद आप मन को पढ़ाई में नहीं लगा सकते क्योंकि मन आपको पढ़ाई से भटका चुका होगा इसलिए पढ़ाई करते समय किसी भी परिस्थिति में हार नहीं माने ।


पीड़ा कष्ट को सहन


जब आप पढ़ाई में मन को लगा रहे होंगे तब आधे घंटे के बाद आपके शरीर में अनेकों प्रकार के कष्ट पीड़ा होने शुरू हो जाएंगे कभी पैर दर्द करेगा तो कभी कमर और जब यह घंटे से ऊपर होगा तो आपके मस्तिष्क में अधिक पीड़ा घबराहट बेचैनी मन का घबराना जैसे अनेकों प्रकार के कष्ट आपको देखने को मिलेंगे यह सब कष्ट केवल भ्रम होते हैं केवल आपको पढ़ाई से उठाकर अन्य कामों में लगाने के लिए लेकिन जब आप इन कष्ट पीड़ा को सहते हुए पढ़ाई करते हैं तब 2 घंटे से कुछ समय पहले आपका मन पढ़ाई में लगने लगता है यह पढ़ाई में मन लगने वाला होता है तब आपके साथ घबराहट बेचैनी सांसों का अधिक चलना जैसे लक्षण देखने को मिलेगा और जब पढ़ाई में मन लगेगा तब आपके साथ कुछ करंट जैसा अनुभव होगा बस आपका मन पढ़ाई में लग जाएगा।


कुछ इस प्रकार पढ़ाई में मन को लगाया जाता है यह तरीका आप चाहे बिजनेस कर रहे हो उसमें भी लगा सकते हैं आपका मन जिस काम में नहीं लगता उस काम को करने के लिए यह तरीका आपके काम में आएगा क्योंकि मन को इसी प्रकार कंट्रोल में किया जाता है मन को कंट्रोल करने के लिए आपको प्रेक्टिस अभ्यास की आवश्यकता बार-बार पड़ेगी क्योंकि बचपन में साइकिल कोई नहीं चला पता है लेकिन बार-बार अभ्यास से कुछ ही दिनों में साइकिल चलाने लगते है और वह साइकिल चलाने में माहिर हो जाता है उसी प्रकार हर काम को करने के लिए अभ्यास की आवश्यकता पड़ती है बिना अभ्यास के कोई भी काम नहीं हो सकता चाहे मन को कंट्रोल करने की हो या कोई काम सीखने की।


निष्कर्ष


आपने आज देखा कि मन पढ़ाई में क्यों नहीं लगता मन पढ़ाई में न लगने का कारण स्वयं मन की गलती होती है क्योंकि मन आपका बड़ा दुश्मन और मित्र दोनों है जब आपका मन पढ़ाई में नहीं लगता है तब वह मन आपका सबसे बड़ा दुश्मन होता है और जब आपका मन पढ़ाई में लग जाता है तब वह मन आपका सबसे अच्छा मित्र हो जाता है इसीलिए आप घबराएं नहीं पढ़ाई में मन नहीं लगता है जिसमें आपकी गलती नहीं है पूरा गलती मन का होता है क्योंकि मन के हारे हार और मन के जीते जीत यही नियम मन पर काम करता है और पढ़ाई में मन लगाने के लिए आपको प्रेक्टिस अभ्यास की आवश्यकता पड़ती है जब आप किसी भी काम को प्रैक्टिस के साथ करते हैं बार-बार एक काम को करते हैं तो ना चाहते हुए भी वह कम होने लगता है चाहे मन कंट्रोल करना हो चाहे चाहे किसी भी काम को सीखना हो पूरा करना हो हर काम में अभ्यास भी आवश्यकता पड़ती है