मन को भटकने से रोकने का उपाय हमारे हिंदू धर्म में मन को एक बंदर कहा गया है जो क्षण मात्र के लिए भी स्थिर नहीं रहता है वह पल-पल इधर-उधर भटकता ही रहता है वह किसी एक काम में स्थिर नहीं रहता है इसी को स्थिर करने के लिए बहुत सारे मार्ग बताए गए हैं यह समस्या संसार के प्रत्येक व्यक्ति में होती है मन से कोई नहीं बचता जिसने मन पर काबू कर लिया वह संसार का हर वह चीज जो उसे चाहिए उसे प्राप्त कर लेता है क्योंकि मन के जीते जीत और मन के हारे हार बिना काम में मन लगे कोई भी काम को नहीं किया जा सकता जिस काम में मन नहीं लगता उस काम को आप कुछ देर के बाद छोड़कर हट जाएंगे और जिस काम में मन लग जाए तो उस काम को किसी भी हालत में करेंगे चाहे कुछ भी हो जाए जैसे नाच देखना मनोरंजन , कोई फेवरेट मूवी देखना। खेलना, घूमना,नाचना, मन हमेशा इंद्रियों विषयों की ओर भागता है जैसे शरीर को भोजन चाहिए तो वह आपको अच्छे-अच्छे भोजन के विचार डालता है और उसे पाने के लिए कुछ भी कर जाएगा और उसे अच्छे अच्छे संगीत सुनना अच्छा लगता है तो वह अच्छे गाने अच्छी आवाज़ अपनी प्रशंसा सुनने के लिए कुछ भी कर लेता है मन हमेशा अच्छे दृश्य को देखना जैसे मूवी प्राकृतिक जगह पर जाना घूमना फिरना यह इंद्रियों का विषय है और मन इन्हीं की ओर व्यक्ति को भगाता रहता है जब तक की व्यक्ति  मन पर कंट्रोल न कर ले तब तक व्यक्ति को यह मन जन्म से लेकर मृत्यु तक भगाता ही रहता है


 इससे कोई नहीं बच पाता है और समस्या तब सामने आ खड़ी होती है जब व्यक्ति कोई काम करता है और उसके दिमाग में विषयों की कल्पनाएं मन दिखाता रहता है कि मैं राजा बनूंगा अमीर बनूंगा लोग मेरी प्रशंसा करें मुझे धन पाना है गाड़ी लेना है ऐसे ऐसे अनेकों प्रकार के सुबह उठने से लेकर शाम तक व्यक्ति के दिमाग में विचार देता ही रहता है जब तक की व्यक्ति सो न जाए .इसके कारण व्यक्ति किसी भी काम में मन को नहीं लगा पाता और इन्हीं सब विषयों में लगा रहता है जब मन इन्हीं सब कल्पनाएं व्यक्ति को अधिक मात्रा में दिखने लगता है तब वह ओवर थिंकिंग का शिकार हो जाता है इससे दिमाग में सर दर्द टेंशन मन अशांत हो जाना है क्योंकि दिमाग में कल्पनाएं बनाना और उसे दिखाने में शरीर की ऊर्जा अधिक मात्रा में खत्म होती है और इससे इससे शरीर को बहुत परिश्रम करना पड़ता है इसका प्रभाव पूरे  मस्तिष्क पर पड़ता है आज आप यही जानेंगे कि कैसे कोई भी व्यक्ति अपने चंचल मन को भटकने से रोक सकता है वह कौन सा तरीका है जिससे कोई भी व्यक्ति आसानी से मन को काबू में कर पाए वह तरीका हम आपको बताएंगे यह तरीका हमारे धर्म ग्रंथो योग साफ शब्दों में बताया गया है इसको बस आपको समझने की देरी है।

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मन को भटकने से रोकने का उपाय


मन को भटकने से रोकने का कोई दवा या औषधि नहीं है जिसको खा लेने से मन का भटकना रुक जाएगा मन को भटकने से रोकने का हिंदू धर्म ग्रंथो में दो तरीके बताए गए हैं जिसके द्वारा मन को भटकने से रोका जा सकता है पहला अभ्यास और दूसरा वैराग्य अभ्यास के द्वारा मन को एक काम में लगाया जाता है और उस काम से मन बार-बार भागता है और मन को पकड़ कर बार-बार उस काम में लगाना पड़ता है ऐसा तब तक करना होता है जब तक मन इस काम में लग न जाए तब जाकर मन व्यक्ति को भटकाना बंद कर देता है दूसरा है वैराग्य मन भटकाना बंद कर देता है लेकिन वह फिर से व्यक्ति को भटका सकता है इसी को नष्ट करने के लिए वैराग्य की आवश्यकता पड़ती है


मन हमेशा सांसारिक वस्तुओं की ओर व्यक्तियों को भगाता है उसके दिमाग में वस्तुओं को पाने के लिए विचार डालता है कि उसे पाने के बाद तुमको खुशी शांति मिलेगी लेकिन उसे वहां पर भी खुशी शांति नहीं मिल पाती और यह सिलसिला लगातार जन्म से लेकर मृत्यु तक चलता रहता है और व्यक्ति वस्तुओं को पाने की चाह कभी नहीं नष्ट होती और इसी में उसकी मृत्यु हो जाती है इसी को रोकने के लिए वैराग्य कहता है कि आप जहां पर भी हैं उसी जगह आपके पास जितना धन है उसी में संतोष रखें और खुश रहने का प्रयास करें वस्तुओं की ओर भागे ना और जो आपका धर्म काम करने को कहता है उसी को करें जिससे आपके जीवन में आनंद और शांति मिलेगा और मन आपको कभी भी भटका नहीं सकेगा इन दो तरीकों से मन को भटकने से रोका जाता है पहले तरीके से मन को काबू में किया जाता है और दूसरे तरीके से मन को हमेशा के लिए भटकने से रोक दिया जाता है
  

 1. पहले एक काम को करने के लिए चुने: 


मन को भटकने से रोकने के लिए सबसे पहले आप किसी एक काम को करने के लिए निर्णय ले चाहे आप पढ़ाई करने के लिए जाए आप कोई बिजनेस करना चाहते हैं तो उस काम को करें आप चाहे जिस काम को करना चाहते हैं कोई एक काम को पकड़े और उस काम को करने के लिए तैयार हो जाएं

2. दृढ़ संकल्प करें: 


अब आप खुद से दृढ़ संकल्प करें कि मैं इस काम को तब तक करूंगा जब तक काम में मेरा मन नहीं लग जाता इस काम में मुझे सफलता नहीं मिल जाता तब तक मैं इस काम को करता रहूंगा चाहे कुछ भी हो जाए मुझे किसी भी हालत में इस काम को पूरा करना है ऐसा आप जरूर संकल्प करे और काम को करना शुरू करें।

3. मन को काम में बार-बार लगाए : 


जब आप काम करना शुरू कर देंगे तब मन आपको उस काम से बार बार भटकाएगा इस काम को छोड़कर दिमाग में दूसरे काम को करने के लिए विचार डालेगा की इस काम को छोड़कर दूसरा काम करो इस काम को कल करना फिलहाल इस काम को छोड़ दो लेकिन आपको दिमाग में चल रहे इन सभी विचारों को अनदेखा करके केवल अपने काम को करते रहें जब-जब मन आपका उस काम से भागेगा तब तब उस मन को पड़कर आप उस काम में लगा दे ऐसा आपको लगातार तब तक करना है जब तक की मन उस काम में मन लग न जाए।

4. काम को किसी भी हालत में छोड़े ना:


जब आप काम को लगातार करते रहते हैं तो काम को किसी भी हालत में छोड़े नहीं तब अंत में मन हार मान जाता है और फिर आपके दिमाग में विचार आने बंद हो जाते हैं और मन आपके अनुसार काम करने लगता है

संसार का ऐसा कोई भी काम नहीं है जो मनुष्य न कर सके जैसे एक नए लड़के को साइकिल चलाना सीखने के लिए उसे बार-बार प्रयास करना पड़ता है एक बार गिरता है दो बार गिरता है ऐसे 100 बार गिरता है लेकिन वह अंत में साइकिल चलाना सीख ही जाता है इसी प्रकार कोई भी काम हो चाहे मन को भटकने से रोकना हो चाहे समाधि लगाना हो उस काम को जब आप बार-बार प्रैक्टिस करते हैं तब वह कुछ ही समय में आपको आसान लगने लगता है और उसमें आपका मन लग जाता है और अंत में काम में सफलता मिल ही जाती है

अगर आप ऐसा सोच रहे हैं कि मैं किसी भी काम को एक ही बार में कर लूंगा तो आप व्यर्थ में ही ऐसा सोच रहे हैं कोई भी काम एक बार में कभी भी कोई व्यक्ति नहीं कर सकता उस काम को करने के लिए उसे अनेक बात प्रयास करना ही पड़ता है जैसे पढ़ाई में मन पहले कभी नहीं लगता है लेकिन पढ़ाई में बार-बार पढ़ने से पढ़ाई में मन लगने लगता है और पढ़ाई से मन भटकता नहीं है

मन कंट्रोल होने के लक्षण


मन का जब भटकना रुक जाता है तब मन व्यक्ति के दिमाग में विचार देना बंद कर देता है केवल वही विचार आता है जो व्यक्ति जिस समय वह काम करता है उसी के बारे में विचार आता है जैसे खेलते समय केवल खेलने में जिस प्रकार आपका मन शरीर साथ देता है उसी प्रकार आप जब काम करते हैं तब आपका मन बुद्धि और शरीर आपका साथ देते हैं उस समय मन आपका भटकाता नहीं है मन कंट्रोल होने पर आपको पूरी तरह शांति स्थिरता प्राप्त होता है यही प्रक्रिया जब आप योग में ध्यान के द्वारा मन को कंट्रोल करते हैं तब आपके दिमाग में विचार आने पूरी तरह बंद हो जाते हैं जो विचार काम को करने के लिए आते हैं वह भी विचार आने बंद हो जाते हैं जब ऐसा होता है तब व्यक्ति को ध्यान अर्थात समाधि की प्राप्ति होती है क्योंकि चित्त वृत्तियों का निरोध ही योग है जब योग में चित्त में विचार आने बंद हो जाते हैं तब व्यक्ति समाधि की स्थिति में चला जाता है यह प्रक्रिया हर एक काम में कार्य करती है चाहे वह पढ़ाई लिखाई हो या कोई बिजनेस हो हर जगह यही चीज कार्य करती है

निष्कर्ष


आज आपने जाना कि कैसे मन को भटकने से रोका जा सकता है इन तरीकों से मन को भटकने से रोका जा सकता है यह जानकारी हमारे हिंदू धर्म ग्रंथो में भी लिखा है और हमारे अनुभव के आधार पर जो हमने अनुभव रहा है आपके साथ हमने यह जानकारी साझा किया है  इन तरीकों से अपने मन को भटकने से रोके और हमारे साथ अपने विचारों को साझा करें धन्यवाद!


FAQ questions to answer 


मन को भटकने से रोकने के उपाय क्या है ?

मन को भटकने से रोकने के लिए दो उपाय हैं पहला अभ्यास प्रैक्टिस के द्वारा और दूसरा वैराग्य के द्वारा किसी काम में मन को बार-बार लगाने से मन का भटकना रुक जाता है और वैराग्य को धारण करने से मन का भटकना सदा के लिए खत्म हो जाता है

मन भटकने के कारण कौन से हैं

मन भटकने के करण व्यक्ति में रजोगुण की प्रधानता अधिक बढ़ाने के कारण व्यक्ति का मन अति चंचल हो जाता है जिससे किसी भी काम में एकाग्रता करने में समस्या आती है उसका मन अधिक वस्तुओं की ओर भागता रहता है

मन को भटकने से कैसे रोके?

मन को भटकने से रोकने के लिए अभ्यास prectice का अनुसरण करें मन को किसी एक काम में लगाए मन वहां से भागेगा उसे पकड़ कर फिर उस काम में लगाए ऐसा आपको बार-बार करना होगा ऐसा करने पर मन भटकना एक समय बाद बंद कर देगा ।