आपके लिए आज हम रोग चाहे कैसा भी हो उसको मंत्र के द्वारा ठीक करने का तरीका लाए हैं जिसके द्वारा आप इस मंत्र के द्वारा किसी भी प्रकार के रोग को दूर कर सकते हैं पहले के समय में हर समस्या को मंत्रो द्वारा हर एक बीमारी को चाहे किसी भी प्रकार की रोग हो उस समय हर परिस्थिति में मंत्रो द्वारा ही उपचार किया जाता था आज के समय में लोग मंत्र पर ध्यान नहीं देते हैं जिसके कारण मंत्र धीरे-धीरे लुप्त होते जा रहे हैं लेकिन जिन लोगों को मंत्रो पर विश्वास है ये लोग मंत्र का अर्थ समझते हैं वर्तमान समय में गांव में अधिकतर मंत्र का असर देखा जा सकता है गांव में अभी तक मंत्रो द्वारा तरह-तरह की बीमारी बिच्छू के डंक उतरना नजर उतारना जहर उतारना जैसे अनेकों प्रकार के बीमारियों को मत्रों द्वारा ठीक करते हैं आज आपके लिए हम ऐसे किसी प्रकार के रोग हो उसे दूर करने का मंत्र लाए हैं रोग को दूर करने के लिए इस मंत्र को सिद्ध करने के बाद आप किसी के भी रोगोको को दूर कर सकते हैं
Mantra to cure disease. रोग दूर करने का मंत्र
परत्रत ऊपर परत्रत पर वन ऊपर फटिक सिला पर अंजनी जिन जाया हनुमंत ने हला टेहला कांख की कख लाई पीढ़ी की अदीठ कान की कनफेर रान की बद कंठ की कंठ माला घुटरने का डडरू हाड़ की हड़ सूल पेट की ताप तिल्ली फीया इन को दूर करे भस्वंत नातर तुझे अंजनी माता का दूध पीया हराम मेरी भक्ति गुरु की शक्ति फुरो मंत्र ईश्वरो बाचा सतनाम आदेस गुरु का ।
विधि-शनिवार सौं 21 दिन हनूमान जी को पूजन विधि पूर्वक करे नित्य 108 मंत्र जपे सिद्ध होय-होनी बिजली में मंत्र जप लिया करे छहरू को याक से तापतिल्ली को छुरी से कखलाई, अदीठ कनफेर वद कंठ माला राखसे डठशूल नीम की डार से सात बार झाड़े ।
रोग को दूर करने के लिए सबसे पहले आपको इस मंत्र को सिद्ध करना पड़ेगा सिद्ध करने के लिए यह तरीका है कि आप शनिवार को 100 बार इस मंत्र का जब करें पूरे 21 दिन तक हनुमान जी का विधि पूर्वक पूजा करें और प्रतिदिन 108 बार मंत्र जपे इसे 21 दिनों में ही मंत्र सिद्ध हो जाएगा । उसके बाद आप किसी का भी बीमारी कैसा भी हो उसे आप निम की डाली को तोड़कर रोगी को झाड़ते हुए इस मंत्र को बार-बार जपने से कुछ ही समय के बाद वह रोग धीरे-धीरे ठीक होने लगेगा ।
मंत्रो जागृत करने से पहले सावधानियां
जिन लोगों की आयु 18 वर्ष से नीचे की है उन लोगों के लिए मंत्र तंत्र यंत्र जैसे जगाया न करें जिन लोगों की शादी विवाह हो चुकी हो जो उसके योग्य हो चुके हो वही इस क्रियाओं को करे क्योंकि हर मंत्र का एक नियम कानून होता है उस नियम कानून से ही मंत्र काम करते हैं मंत्र के दुनिया में एक नए युवक को नहीं जाना चाहिए मंत्रो को जागृत करने के लिए आपकी उम्र 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए और आपकी शादी हो चुकी हो तभी मंत्रो का इस्तेमाल आप कर सकते हैं
किसी भी प्रकार के मंत्र का इस्तेमाल करने से पहले आपको मंत्रो की जानकारी होनी अति आवश्यक है जिससे आपको किसी प्रकार की हानि या समस्या में आप न पड़े और आसानी से मंत्र जागृत हो जाए और आप किसी के भी रोग के समस्याओं को दूर कर सके किसी के कहने से या फिर दिमाग में विचार आने से तुरंत किसी भी मंत्र को ना करें किसी भी काम को करने से पहले उसका ज्ञान होना आवश्यक है