ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः मंत्र के लाभ यह मंत्र सबसे बड़ा दूसरा नंबर पर आने वाला सबसे शक्तिशाली मंत्र माना जाता है इस मंत्र के जाप से व्यक्ति को ऐसे ऐसे लाभ प्राप्त होते हैं जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है यह मंत्र व्यक्ति को मोक्ष प्राप्त करने का सबसे अच्छा मंत्र माना जाता है क्योंकि यह मंत्र भगवान विष्णु जी को समर्पित मंत्र है 


जबकि भगवान विष्णु ही इस पूरे ब्रह्मांड का पालन करता पर ब्रह्म है और उनकी आराधना करने से ही व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है बाकी अन्य किसी भी देवी देवताओं की पूजा करने या मंत्र जाप करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति नहीं हो पाती है यह मंत्र इतना शक्तिशाली है 


इसके आगे आप जानेंगे पहले नंबर पर सबसे शक्तिशाली मंत्र ॐ मंत्र आता है और दूसरे नंबर पर ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः मंत्र को माना जाता है ऐसा क्यों माना जाता है आगे आप जानेंगे और इसके क्या-क्या लाभ होते हैं आगे आप देखेंगे। 


ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र की महिमा

आप एक छोटे से उदाहरण से समझे कि इस मंत्र का जाप से कितना बड़ा लाभ व्यक्ति को प्राप्त होता है जब ध्रुव अपने पिता के गोद में बैठने का अनुग्रह करता है तब उसके पिता द्वारा उसे तिरस्कार मिलता है तब वह जाकर अपनी मां से कहता है कि मेरे पिताजी अपने गोद में मुझे नहीं बैठा रहे हैं तो माता ने कहा कि तुम उनकी गोद में बैठने की बजाय भगवान श्री विष्णु के गोद में बैठो यह बात द्रुव के दिल में जाकर बैठ गया और वह घर से बाहर चला गया भगवान विष्णु जी के गोद में बैठने के लिए ध्रुव का मार्गदर्शन के लिए नारद मुनि ने ध्रुव को एक मंत्र बताया कि तुम इस मंत्र के द्वारा स्वयं भगवान विष्णु को अपने यहां बुला सकते हो और तुम उनके गोद में बैठ जाना उन्होंने ध्रुव को ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः का मंत्र बताया और इस मंत्र का ध्रुव ने कठिन तप जप करके उनको प्रकट कर लेता है

 

और ध्रुव जाकर उनके गोद में बैठता है और भगवान विष्णु ने प्रसन्न होकर उसे मृत्यु के बाद जैसे सूर्य लोक होता है चंद्रलोक होता है वैसे ही उसको सप्त ऋषि लोक से भी ऊपर एक ध्रुव लोक उन्होंने उसे दे दिया जो तुम वहां पर निवास करोगे जो कि तुम्हारे चारों तरफ सप्त ऋषि चक्कर काटेंगे तुम उनसे भी बड़े रहोगे जो आप आसमान में सबसे बड़े तारे को देखते हैं वही ध्रुव तारा ध्रुव है सप्त ऋषि तारों को उसके बीच में ध्रुव तारा जो सबसे बड़ा तारा माना जाता है वही ध्रुव निवास करते हैं इससे आप यह समझ सकते हैं कि केवल इस मंत्र का नाम जाप करने से उनको प्रकट कर लेने से उन्हें एक ध्रुव लोक ही मिल गया यह इतना बड़ा वरदान है जिसकी कल्पना करना असंभव के बराबर है चलिए अब जानते हैं इस मंत्र का जाप करने से क्या-क्या लाभ व्यक्ति को प्राप्त हो सकते हैं

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः मंत्र जाप के लाभ, ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः के फायदे,ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः के चमत्कारी लाभ,


ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः मंत्र के लाभ

इस मंत्र के जाप से व्यक्ति को जीवन में सुख शांति अनेको प्रकार के शक्तियां मनचाहे वस्तुओं का मिलना वर्तमान, भूत, भविष्य, का अनुभव होना निर्णय लेने में निपुण होना यथार्थ ज्ञान की प्राप्ति होना मनचाहे वरदान को प्राप्त करने की शक्ति इस मंत्र के जाप से व्यक्ति प्राप्त कर सकता है यह मंत्र इतना में सीमित नहीं है इसके हजारों लाभ है जिसका वर्णन करना बेहद ही मुश्किल वाला काम है लेकिन आप इसके प्रमुख जो लाभ व्यक्ति को मिलते हैं उसका वर्णन किया जा रहा है

1.मोक्ष की प्राप्ति।

इस मंत्र के जब से व्यक्ति अपने जीवन से मोक्ष को प्राप्त कर सकता है यह मंत्र व्यक्ति को मोक्ष प्रदान करने में सहायक होता है व्यक्ति इस मंत्र का जाप से भगवान को प्रसन्न करके उनको प्राप्त कर लेता है और वह उनके यहां उनके धाम चला जाता है जहां पर जाने के बाद उसे वापस इस मृत्यु लोक में नहीं आना पड़ता और उसे मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है

2. मन इच्छा वरदान की प्राप्ति:


इस मंत्र में यह खास बात यह है कि इस मंत्र को जाप कोई व्यक्ति पूरी ईमानदारी और अपना पूरा जीवन इसमें समर्पित करके जाप करता है तब वह भगवान इससे प्रसन्न होकर अपने मनचाहे वरदान प्रदान करते है इस मंत्र की यह सबसे बड़ी खासियत है क्योंकि इस मंत्र से भगवान को प्रसन्न करके उनसे मनचाहा इच्छा वरदान प्राप्त किया जाता है

3. शक्तियों का मिलना:

जब आप इस मंत्र का जाप अपने जीवन में करने लगते हैं तब आपको अनेकों प्रकार की शक्तियां मिलने लगती है और आपके जीवन में शक्तियों का अनुभव आपको धीरे-धीरे होने लगता है इस मंत्र का आप जितना जाप करते जाएंगे उतना ही लाभ आपको प्राप्त होता जाएगा और आपको अनेकों प्रकार की सिद्धियां मिलती जाएंगे।

4. आनंद की प्राप्ति:

 
इस मंत्र का जप से व्यक्ति अपने जीवन में दुखों से ऊपर उठकर आनंद को प्राप्त करता है क्योंकि जो व्यक्ति इस मंत्र के द्वारा भगवान का नाम जपता है तो भगवान प्रसन्न होकर उसके जीवन में आनंद की बरसात कर देते हैं और उसका जीवन आनंद में व्यतीत होने लगता है और उसे किसी भी प्रकार का दुख दर्द पीड़ा जैसी कोई भी समस्या उसके जीवन में नहीं आती है

5. भगवान विष्णु की कृपा का मिलना:

जब कोई व्यक्ति निष्काम भाव से मंत्र जाप करता है तब वह भगवान का प्रिया बन जाता है भगवान उसे बिना मांगे ही सब कुछ दे देते हैं और वह भगवान का कृपा प्राप्त बन जाता है भगवान उसको अपनी इच्छा से वह सब कुछ दे देते हैं जो उसे चाहिए।

6. दुखो से मुक्ति:

इस मंत्र का जप से व्यक्ति अपनी जीवन में दुखों को नष्ट करके अपने जीवन में सुखों को प्राप्त कर लेता है जिसके ऊपर स्वयं भगवान का हाथ हो भला उसे दुख कैसे छू सकते हैं ऐसे लोगों को जीवन में किसी प्रकार का दुख नहीं होता है वह सुख को प्राप्त हो जाते है

7. शरीर में ऊर्जा का बढ़ना:

इस मंत्र का नियम से जाप करते समय व्यक्ति के शरीर में ऊर्जा का प्रवाह धीरे-धीरे बढ़ने लगता है उसके शरीर में ऊर्जा गर्मी महसूस होने लगती है उसे किसी भी प्रकार का थकान रोग दुख नहीं होता है वह खुद को बलशाली ताकतवर महसूस करने लगता है

8.जीवन में शांति का मिलना :

 
इस मंत्र के द्वारा व्यक्ति अपने जीवन में शांति को प्राप्त कर सकता है इस मंत्र के जाप से व्यक्ति को उसके जीवन में शांति प्रदान करने का सबसे बड़ा कार्य करता है जो व्यक्ति इस मंत्र का नियम अनुसार जाप करते हैं तो अपने जीवन में शांति को प्राप्त कर लेते हैं

9. भविष्य का ज्ञान होना।

जब कोई व्यक्ति इस मंत्र का अधिक समय तक जाप करते रहता है तब उसे वर्तमान भूत और भविष्य का ज्ञान होने लगता है उसे भगवान सब कुछ बताने लगते हैं कि आगे क्या होने वाला है और वह इसे कैसे बचे और अपने जीवन को अच्छे से जी सके।

10, अनेक शक्तियों का मिलना

किसी गुरु से इस मंत्र का दीक्षा लेकर उसे नियम अनुसार जाप करने से व्यक्ति इस मंत्र के द्वारा अनेकों शक्तियां प्राप्त कर सकता है मन में उसे शक्ति का ध्यान करते हुए मंत्र जाप करने से व्यक्ति को मन मुताबिक शक्तियां मिलने लगती है



निष्कर्ष 

यह मंत्र भगवान विष्णु को प्रकट कर उनको प्राप्त करने का मंत्र बताया गया है इस मंत्र के द्वारा भगवान विष्णु को तप के द्वारा आप उनको बुला सकते हैं और अपने मनचाहा वरदान प्राप्त कर सकते हैं इस मंत्र के द्वारा कोई भी व्यक्ति भगवान को बुलाकर उनसे वरदान प्राप्त कर सकता है यह शास्त्रों में लिखित है यह मंत्र नारद मुनि के मुख से आया हुआ माना जाता है ।