सिर दर्द दूर करने का मंत्र (headache relief mantra) सिर दर्द की समस्या वर्तमान समय में बढ़ती ही जा रही है इससे लोग बहुत परेशान होते जा रहे हैं बिना कारण ही एकाएक सर में दर्द उठना सर में पीड़ा उत्पन्न होना मन पूरी तरह अशांत हो जाता है मस्तिष्क में अधिक विचार थॉट्स आने लगते हैं जिससे मन व्याकुल होने लगता है मस्तिष्क में घबराहट बेचैनी छाने लगती है
ऐसा लगता है कि सर में कुछ है और दर्द सा महसूस होता है और काम करने में किसी भी प्रकार से मन नहीं लगता है जिससे लोग बहुत परेशान हो जाते हैं सर दर्द की समस्या कई प्रकार से आती है
जिसमें स्वास्थ्य में गड़बड़ी होने से भी हो सकती है और आपके अधिक चिंतन किसी काम को टेंशन लेने से भी सिर दर्द की समस्या व्यक्ति को परेशान करने लगती है या आप लोगों की बातों को अधिक गंभीरता से लेते हैं जिससे आपके मस्तिष्क में सर दर्द की समस्या आ जाती है
सर दर्द की समस्या कुछ बीमारियों से भी होती है जैसे बुखार आना जुखाम आने से भी सिर दर्द होने लगता है सर दर्द की समस्या कई प्रकार से आती है लेकिन इनको ठीक करने का दो तरीका है पहला तरीका है कि आप किसी डॉक्टर के पास जाकर इनको ठीक करें या फिर आप किसी मंत्र वाले व्यक्ति के पास जाकर मंत्रो के सहायता से इसे ठीक कर लें क्या आप किसी मंत्र को सिद्ध कर लें उस मंत्र के द्वारा आप सर दर्द की समस्या को ठीक करें यह भी तरीका होता है
इसलिए हम आपके लिए ऐसे 7 प्राचीनतम मंत्र लाए हैं जो बेहद ही शक्तिशाली है जो किसी भी प्रकार के सिर दर्द की समस्या को दूर करने में आपकी सहायता करेगा। इसमें बताए गए मंत्र के बारे में आप अच्छे से पढ़ें और नियम अनुसार उसे करने से इसका लाभ आपको तुरंत देखने को मिलेगा चलिए मंत्र को जानते हैं ।
सिर दर्द दूर करने का असरदार 7 प्राचीनतम मंत्र
1. ॐ जः ह: सः।
इस मंत्र के जप से सिरदर्द समाप्त हो जाता है।
2. ॐ वैष्णवे हुं स्वाहा।
इस मंत्र के जप से सिरदर्द तुरंत समाप्त हो जाता है।
3. ॐ क्षं क्षूं शिरोवेदना नाशय नाशय स्वाहा।
इस मंत्र को मात्र 21 बार जपने से सिरदर्द ठीक हो जाता है ।
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4. हजार घर वाले एक घर खाय, आगे चले तो पीछे जाय, फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा।
रोगी के मस्तक को हाथ से पकड़कर सात बार उपरोक्त मन्त्र का उच्चारण करते हुए फूंकें तो सिर का दर्द समाप्त हो जाता है।
5. लंका में बैठ के माथ हिलावे हनुमन्त। सो देखि राक्षॉऐगगण पराय दुरन्त। बैठी सीता देवी अशोक बन में। देखि हनुमान की आनन्द भई मन में॥ गई उर विषाद देवा स्थिर दरशाय। आदेश कामाख्या हारिदासी चण्डी की दुहाई |
सिर पर हाथ रखकर उपरोक्त मंत्र का सात बात उच्चारण कर फूंकने से सिर का दर्द समाप्त होता है।
6. ॐ नमो केतकी ज्वालामुखी काली दो बार रोग पीड़ा दूर कर सात समुद्र पार कर आदेश कामरू देश कामाख्या माई हाडि दासी चंडी की दुहाई यस्ते 5 डःकुशो वसुदानो ब्रह्मंनिद्र हिण्ययय:।।३।। तने जनीयते जायां मह्य॑ं धेहि शचीपते।
कोई भी खाने की वस्तु उक्त मंत्र से 21 बार अभिमन्त्रित करके रोगी को खिला दी जाय तो उसका सिर दर्द ही क्या, शरीर की समस्त पीड़ा दूर हो जाती है।
7. ॐ नमो आदेश गुरु का। केश में कपाल कपाल में भेजा। भेजा में कीड़ा न करे पोड़ा। कंचन की हैनी रूपे का हथौड़ा। पिता ईश्वर माड़ इन श्रापे । को गोरखनाथ तोड़े । शब्द सांचा पिण्ड कांचा फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा।
किसी भी शुभ योग वाले रविवार या मंगलवार अथवा अमावस्या से शुरू करके इकतीस दिनों तक प्रतिदिन एक सो आठ बार मंत्र जपें और इक्यावन बार मंत्र की लोबान से आहुति देने से मन्त्र सिद्ध हो जाता है। प्रयोग करते समय इक्यावन बार मन्त्रोच्चारण करते हुए सिर पर सात बार फूँक मारने से सिरदर्द मिट जाता है।