ध्यान क्या है: ध्यान दिमांग की वह स्थिति होती है जिसमे किसी एक वस्तु, विषय पर, जैसे, ईश्वर ,किताब पढ़ना, कोई काम ,करना या स्त्री ,पुरुष का चित्र, संगीत ,film, इनमें से किसी पर दिमांग ,मन जब लग जाता है
और वहा से भटकना बंद कर देता है और चित्त में केवल एक विषय का ख्याल सोचा विचार चलता है बाकी अन्य चीजों को भूल जाना चित्त का एक वस्तु पर निरंतर चलना ध्यान है,
What is meditetion, ध्यान क्या है आसान सब्दो में
ध्यान दिमांग की वह स्थिति जिसमे किसी एक वस्तु विषय पर मन, चित्त, बुद्धि का एकतार में निरंतर चलना ध्यान कहलाता है
ध्यान का अर्थ:
किसी एक काम में दिमांग पूरी तरह लग जाता है बाकी अन्य सारे काम काज समय तक भूल जाता है यह दिमाग की स्थिति ध्यान है।
उदाहरण: प्रमाण
1. कोई एक पसंदीदा गाने mugic सुनते समय गाने में खो जाना बाकी अन्य सभी कामो को भूल जाना यह स्थिति ध्यान की होती है , चाहें आप फिल्मे देखे या किताब पढ़ रहे हो और उसमे इतने डूब जाते है की समय का भान ही नहीं रहता है, यही ध्यान कहलाता है,
हमने जो उदाहरण आपको दिया है यह स्थिति आपके जीवन में कभी न कभी अवस्य आया होगा बस आप ध्यान नहीं देते है।
2. कोई व्यक्ति जब किसी एक कितना को पढते पढ़ते उसमे इतना दिमांग लगा देता है की खाना ,पीना ,सोना, समय , को भी भूल जाता है यह स्थिति ध्यान है
किसी किताब को पढ़ते पढ़ते उसमें खो जाना हर किसी की बस की नही होती है जो ऐसा कर लेता है वह 400 पेज की बुक को घंटों में पढ़ लेता है यह स्थिति स्वामी विवेकानंद की थी , और आपकी भी हो सकती है जब आप ध्यान लगाएंगे तब होगा।
अध्यात्म के अनुसार
1. योग सूत्र (पतंजलि): पतंजलि के योग सूत्र में ध्यान को "तत्र प्रत्ययैकतानता ध्यानम्" (1.33) कहा गया है, अर्थात् एक ही विषय पर मन की निरंतर एकाग्रता ध्यान है। यह प्राचीन भारतीय दर्शन का प्रमाण है।
Science के अनुसार
1. वैज्ञानिक दृष्टिकोण: आधुनिक विज्ञान में, ध्यान (मेडिटेशन) को मस्तिष्क की गतिविधियों को नियंत्रित करने और तनाव कम करने का साधन माना जाता है। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की एक स्टडी (2011) में पाया गया कि माइंडफुलनेस मेडिटेशन मस्तिष्क के अकाग्रता मैटर को बढ़ाता है, जो एकाग्रता और भावनात्मक स्थिरता में मदद करता है।