स्त्री हो या पुरुष किसी को अपने तरफ आकर्षित करने का हिंदू धर्म के किताबों में किसी को भी आकर्षित करने का मंत्र बताया गया है जिसके द्वारा कोई भी महिला या पुरुष किसी को भी अपनी तरफ आकर्षित कर सकते है जिन लोगों को कोई नहीं देखता उनसे बात नहीं करना चाहता या वे उसको पाना चाहते हैं उनके सामने अच्छा बनना चाहते हैं अपनी कदर इज्जत करना चाहते हैं जो लोग उनसे प्रेम करते हैं लेकिन वे उनसे प्रेम नहीं करते उनसे दूर भागते हैं ऐसे पुरुष या ऐसी महिलाओं को इन मंत्र द्वारा आप उन्हे अपनी तरफ आकर्षित कर सकते हैं जिससे आपका मनोरथ पूरा आसानी से हो जाएगा यह मंत्र शाबर मंत्र से लिया गया है यह बेहद ही कारगर शक्तिशाली मंत्र है इसका जाप विधि अनुसार करें तभी इसका फल आपको जल्दी देखने को मिलेगा।
जिन व्यक्ति या महिलाओं को आप पाना चाहते हैं लेकिन किसी कारण वस उनसे आप बात नहीं कर पाते है वे आपको नजरअंदाज करते है आपको भाव ना देना इन सभी समस्याओं को दूर करके उनको या स्त्री को अपनी तरफ आकर्षित इस मंत्र द्वारा किया जा सकता है आगे
आकर्षित करने का मंत्र। आकर्षण बीज मंत्र
1. ॐ नमः आदिपुरुषाय अमुकस्याकर्षणं कुरु कुरु स्वाहा।
विधि
इस मन्त्र का एक लाख की संख्या में जप करने से यह सिद्ध हो जाता है। तदनन्तर प्रयोग से पूर्व इस मन्त्र का एक सो आठ बार जप करके कार्य सिद्ध किया जा सकता है। यथा--काले धतृरे का रस निकालें। फिर उसमें गोरोचन मिलाएं और स्याही बना लें। इस स्थाही ओर कनेर की कलम से भोजपत्र पर आकर्षित किए जाने वाले का नाम लिखकर, उसके चारो ओर मन्त्र भी लिख दें ओर एक सो आठ की संख्या में मन्त्र पढ़ते हुए खेर की लकड़ी की अग्नि से उसे तपाएं। इस क्रिया से जिसके लिए यह प्रयोग किया गया है, वह हजार मील दूर होगा तो भी शीघ्र लोट आएगा।
2. मोममोन सरोवर माहि पानी। जल की जोगणी, पाताल का नाग। जिसको लगाऊँ, उससे लाग। न सूता सुख, न बैठा सुख। फिर-फिर देखे, हमारा मुख। शब्द साचा, पिण्ड काचा। फुरो मन्त्र, ईश्वरी वाचा।
विधि
पहले धनत्रयोदशी, काली चौदस (चतुर्दशी) और दीपावली--इन तीन पर्व दिनों में उक्त मन्त्र का 124 माला जप विधिवत करें। बाद में नित्य जप एवं स्मरण करते रहें। जब आवश्यकता हो, तब प्रयोग करें। प्रयोग में साध्य या साध्या का चित्र अपने सामने रक्खें। चित्र के अभाव में मिट्टी का पुतला बनाकर प्राण-प्रतिष्ठा कर रकखें। प्राण-प्रतिष्ठा स्वयं न कर सकें तो किसी योग्य ब्राह्मण से करायें। फिर 7 कंकड़ लेकर सबके ऊपर उक्त मन्त्र 21 बार पढ़कर सामने रखते हुए चित्र या पुतले पर फेंके। ऐसा 3 दिन करें। साध्य का आकर्षण होगा और वह पास आएगा; किन्तु उसे जाने दें। उसे बुलाने का प्रयास बार-बार न करें; अन्यथा स्वयं को भी कष्ट होगा। प्रयोग के बारे में उससे बात न करें, न ही दूसरों से चर्चा करें।
3. ॐ झां झां झा। हां हां हा। हैं हैं हैं।
विधि
दीपावली की रात्रि, ग्रहणकाल या उत्तम योग में उक्त मन्त्र का 50 माला जप करें। मन्त्र सिद्ध हो जायेगा। जप के साथ-साथ प्रचलित द्रव्यों से होम भी करें। अपने इष्टदेव के सामने धूप, दीप आदि रखकर “जप” करें। बाद में जब किसी को बुलाना हो, तब उसका चित्र अपने सामने रखें। चित्र के अभाव में उसका नाम लिखकर अपने सामने रखें। उसकी प्रबल स्मृति के साथ 500 बार उक्त मन्त्र का 'जप' करें। 'जप' करते समय उससे तन्मय होने की भावना न करें। इच्छित व्यक्ति आपके पास आ जायेगा। प्रयोग केवल शुभ कार्य से ही करें। दुरुपयोग करने से सिद्धि जायेगी और कष्ट भी होगा। जब इच्छित व्यक्ति पास आए, तब उसके साथ उचित वाणी एवं सभ्य व्यवहार करें। कार्य पूर्ण होने के बाद प्रयोग-स्मृति समाप्ति करें; अन्यथा साधक का पतन हो जायगा।
4. ॐ नमो भगवते रुद्राणि चामुण्डानि....मम वश्यं कुरु कुरु स्वाहा।
विधि
रिक्त स्थान में जिसका वशीकरण करना हो उसका नाम जोड़ें; किन्तु इसके पूर्व मन्त्र सिद्ध करने के लिए बिना नाम का जो मन्त्र ऊपर दिया है, उसे ही जपें। प्रयोग के समय नाम जोड़कर “जप” करें। मन्त्रसद्धि के लिए धूप-दीप-फल-फूल-नैवेद्य से पूजन करें और इष्टदेवी के सम्मुख बेठकर “जप” करें। यम-नियम का पालन करें।
दीपावली, होली या ग्रहणकाल से प्रयोगारम्भ करें। सवा लाख जप करें। यदि न कर सकें तो कम-से-कम 12,500 “जप' करें; अन्यथा कार्यसिद्धि नहीं होगी। प्रचलित द्रव्यों से आहुति भी देवें। जिस व्यक्ति को वश में करना हो उसका नाम जोड़कर मन्त्रजप करें और उसके सामने फूँक देवें। यदि वह सामने न हो तो उसकी दिशा में, उसके घर के सामने, उसके व्यापार-स्थान के सामने फूँक करते रहें। कितना भी बलवान हो, वश में आ जाएगा। तब समय का महत्त्व समझकर जो कार्य हो उसे पूरा करें। मन्त्र-स्मरण करते रहें। सावधान भी रहें। दुरुपयोग कदापि न करें।
5. ॐ नं नां निं नीं नु नूं नें ने नों नों नं (.....) आकर्षय स्वाहा।
विधि
यह मातृका आकर्षण वशीकरण शाबर मन्त्र है। रिक्त स्थान में जिसका आकर्षण या वशीकरण करना हो उसका नाम जोड़कर मन्त्रसिद्धि करें। दीपावली की रात को 11 माला जप करें और 1 माला ओर जप करके प्रचलित द्रव्यों से आहुति दें। बाद में प्रयोग करें।
प्रयोग” में उठुम्बर वृक्ष की 7 अंगुल प्रमाण की एक टहनी लायें। टहनी के ऊपर गेरू से साध्य या साध्या का नाम लिखें। साध्य या साध्या के घर जाकर उसके घर की दिवाल में वह टहनी रख दें। यदि सम्भव न हो तो घर के छप्पर के ऊपर या घर के अगल-बगल की दिवाल में रखें अथवा उसके रास्ते में गड्डा खोदकर जमीन में रख दें। थोड़े ही दिनों में साध्य या साध्या पास आएँगे। मनमुटाव दूर कर अपना कार्य पूरा करें। सदुपयोग की भावना से करें; अन्यथा कार्य नहीं होगा।