हमारे हिंदू धर्म में जो व्यक्ति ब्रह्मण कुल में जन्म लेता है या कोई अपने इच्छा से भगवान की भक्ति करना चाहता है उन लोगों के लिए भक्ति योग मार्ग बताया गया है जिसमें व्यक्ति भगवान के सच्चे स्वरूप की आराधना पूजा पाठ उनमें मन लगाना उनकी सेवा करना जैसे कार्य शामिल हैं इसके द्वारा वे लोग इस भक्ति के मार्ग को अपनाकर भगवान को प्रसन्न कर उनका दर्शन पाकर वे उनके साथ मिल जाते हैं यही भक्ति है हिंदू धर्म में मनुष्य के लिए कर्म योग, ज्ञान योग ,भक्ति योग, इन तीनों का एक ही काम है परमात्मा से मिलन जुड़ना आप इन तीनों में से किसी को भी अपना कर अपना जीवन जी सकते हैं और उस कर्म को करते हुए परमात्मा से संपर्क कर सकते हैं यही व्यक्ति का धर्म कर्म सब कुछ होता है आज आप जानेंगे की भक्ति क्या है कैसे करते हैं वह नियम तरीका क्या है जिससे भक्ति जल्दी सिद्ध हो जाती है और भगवान को हम कैसे प्रसन्न करें जिससे हमें वह आशीर्वाद दे। अच्छे से जीवन शांति पूर्वक जी सके।

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भक्ति कैसे की जाती है आप ऊपर इमेज में देख सकते हैं कि एक बूढ़ी महिला कैसे श्रद्धा पूर्वक प्रेम से सबसे पहले भोजन को खुद चखकर उसके बाद भोजन अच्छा होता है तब भगवान को खिलाती है ऐसा भक्त होना चाहिए तभी भक्ति पूर्ण होती है।


भक्ति क्या है what is devotion.

भक्ति भगवान की आराधना करना उन में तन मन सब कुछ न्योछावर करना भगवान को खुद को समर्पण कर देना उनके लिए जीवन जीना उनकी सेवा करना उनसे प्रेम करना उनमें विलीन हो जाना भक्ति कहलाता है भक्ति मार्ग व्यक्ति को परमात्मा से मिलन करने का जरिया होता है जिसके द्वारा कोई भी व्यक्ति या मनुष्य या स्त्री या पुरुष या बच्चे कोई भी भक्ति द्वारा भगवान को प्रेम और श्रद्धा से प्राप्त करता है संसार को छोड़कर पूरी तरह भगवान पर आश्रित हो जाने से भक्ति पूर्ण होती है और आप भगवान के साथ मिल जाते है यह भक्ति कहलाती है।


भक्ति करने का तरीका। way of devotion.


भक्ति कैसे करना है इसका तरीका कोई साधारण व्यक्ति नहीं दे सकता है क्योंकि भक्ति ज्ञान विज्ञान सब कुछ परमात्मा से ही आया हुआ है तो आपके लिए हम भगवान द्वारा बताए गए ही मार्ग को बताएंगे। श्रीमद् भागवत गीता के अनुसार। की कैसे साधारण से साधारण लोग भी भक्ति कर सके।


भक्ति में श्रद्धा रखना। To have faith in devotion. 


भगवान श्री कृष्ण कहते हैं भक्ति के लिए भक्त को चाहिए कि वह श्रद्धावान हो उसमें श्रद्धा होनी चाहिए भगवान पर विश्वास होना चाहिए । जिस भक्ति में श्रद्धा नहीं होती है मैं अगर उनके सामने जाकर खड़ा भी हो जाऊं तो वह मुझ पर विश्वास नहीं करेंगे की भगवान मेरे सामने है वह मुझे कुछ और ही जानेंगे इसीलिए भगवान श्री कृष्ण कहते हैं कि भक्ति के लिए श्रद्धा का होना अत्यधिक आवश्यक है


भक्ति के लिए प्रेम होना चाहिए। There must be love for devotion.


भगवान श्री कृष्ण कहते हैं प्रेम के बिना भक्ति कभी नहीं किया जा सकता है जिस भक्ति में प्रेम नहीं होती है वह मेरा भक्त कभी नहीं बन सकता मुझे केवल प्रेम द्वारा ही पाया जा सकता है इसलिए भक्त को चाहिए वह प्रेम करें। और दूसरों से भी प्रेम करें और मुझ में प्रेम पूर्वक श्रद्धा रखते हुए अपना मन चित्त लगाए। मैं उसके द्वारा लगाए गए भक्ति भाव प्रेम से प्रसन्न रहता हूं।


बड़े-बड़े चढ़ावे ना चढ़ाएं।Do not make big offerings.


भक्ति के लिए भक्तों को चाहिए कि वह मुझे बड़े-बड़े चढ़ावे पकवान धन दौलत ना चढ़ाएं हां अगर वह मुझे कुछ चढ़ाना चाहता है तो वह एक फल एक फूल की पत्ती और एक चावल का दाना ही प्रेम की आंसू ही चढ़ाई तो मैं उसे कबूल कर लेता हूं और उसके आगे और कुछ चढ़ाने की आवश्यकता नहीं है मैं उससे ही प्रसन्न रहता हूं और वही सबसे बड़ा मेरा भक्त होता है


मन तन से भक्ति करे। Do devotion with your mind and body.


भगवान श्री कृष्ण कहते हैं मैं अपने भक्त के भक्ति में उसका भाव देखता हूं कि वह मेरे प्रति क्या सोचता है मेरे प्रति उसकी कैसी भावना है वह मुझे कितना चाहता है ना कि मैं उसकी चढ़ाई हुई वस्तु को देखता हूं। मैं तो बस उसके भावनाओं को देखता हूं कि वह मेरे प्रति कैसा है मेरे प्रति मन में कैसी भावना रखता है वह मुझसे कितना प्रेम करता है उसके दिल में कितनी चाय है यह सब परमात्मा आपकी भक्ति भाव में देखते हैं जिस व्यक्ति में इन सब भावनाएं नहीं होती हैं केवल फल पाने की इच्छा से भक्ति करता है मुझे धन दौलत चाहिए ऐसे लोग भगवान को कभी नहीं प्राप्त कर सकते और भगवान के भक्त नहीं हो सकत है।


भक्ति मैं इन सब का रखें ध्यान। Keep all these in mind in devotion.


जो भक्त मेरी आराधना करता है पूजा करते समय वह अपने मन में मेरी तस्वीर देखने की जगह किसी स्त्री की तस्वीर देखना धन दौलत की कामना करना ऐसे विचार जिस भक्ति में होते हैं उनसे भगवान कभी भी प्रसन्न नहीं हो सकते ऐसे लोग भक्त नहीं होते हैं वे भक्ति के आगे ढोंग करते हैं भक्ति तो केवल प्रेम से ही हो सकती है जिसमें भगवान के प्रति संपूर्ण प्रेम समर्पण हो वही मेरा भक्त बन सकता है

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भक्ति मार्ग के उदाहरण। Examples of the path of devotion.

मनुष्य को भक्ति कैसे करनी चाहिए इसका जिक्र हमारे बहुत से किताबो में किया गया है जिन भक्तों ने भगवान को प्राप्त किया है आप उनके जीवन चरित्र को पढ़कर उनके क्रियाओं को देख कर उनके अनुसार भक्ति कर सकते हैं उनमें से है श्रवण कुमार, मीराबाई हनुमान जी, कबीर दास, सूरदास, ध्रुव, और प्रहलाद, इन लोगों ने भक्ति द्वारा भगवान को जीत लिया था इनका जिक्र पुराणों में मिलता है की कैसे इन महान भक्तों ने भगवान की भक्ति की कैसे उनकी सेवा की इसी प्रकार जिस व्यक्ति को भक्ति मार्ग पर जाना है उन लोगों को इन सब भक्तों का ज्ञान प्राप्त करना चाहिए कि उन लोगों ने कैसे भगवान को प्राप्त किया था और हमें भी ऐसे कार्य करना चाहिए कि जिससे भगवान प्रसन्न हो और हम सच्चे भक्त बन सके इन महान भक्तों का आप एपिसोड देख सकते हैं और उनकी आप किताबें भी पढ़ सकते हैं। ।